थाना प्रभारी गिरफ्तार, जाना पड़ेगा जेल, ये है वजह

आठ फुट ऊँची दीवार कूदकर भागने लगा लेकिन टीम ने उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया.

Update: 2021-10-30 03:27 GMT

जयपुर: राजस्थान में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आए दिन अधिकारी और कर्मचारी घूस लेते रंगे हाथों पकड़े जा रहे हैं. पुलिस विभाग में कर्मचारियों की कौन कहे, अधिकारी भी घुसखोरी में जुटे हैं. घुसखोरी का सिलसिला सूबे में थमने का नाम नहीं ले रहा. एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने लगातार दूसरे दिन एक पुलिसकर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा.

राजस्थान में पुलिस वाले लगातार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हो रहे हैं लेकिन घुसखोरी का सिलसिला थम नहीं रहा है. लगातार दूसरे दिन एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक पुलिस अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा. एसीबी ने अजमेर जिले में तैनात थाना प्रभारी प्रमाण लाल को 1 लाख 45 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया.
अलवर में भी एक हेड कांस्टेबल सुभाष चंद्र यादव को 40 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया. जानकारी के मुताबिक अजमेर जिले के रूपनगर थाने का SHO कंवर लाल एक दलाल रोहित शर्मा के जरिए घूस की रकम ले रहा था. फरियाद भागचंद ने शिकायत दी थी कि 2014 में त्योंद गांव में उसने एक एक जमीन खरीदी थी जिसे लेकर विवाद हो गया था. त्योंद के ही कैलाश शर्मा ने मुकदमा दर्ज करा दिया था.
कैलाश शर्मा की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में कार्रवाई नहीं करने के बदले एसएचओ ने 1 लाख 45 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. दूसरी तरफ, अलवर के किशनगढ़ रूपावास थाने के हेड कांस्टेबल एक आरोपी को जल्दी पकड़ने और ठोस कार्रवाई करने के बदले फरियादी से 40 हजार रुपये की घूस मांगी थी. एंटीकरप्शन ब्यूरो ने जैसे उसे पकड़ा वह पैसे फेंककर आठ फुट ऊँची दीवार कूदकर भागने लगा लेकिन टीम ने उसका पीछा कर उसे पकड़ लिया.


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