जयपुर। साइबर क्राइम, वाहन चोरी और दलाली के मामले में राजस्थान के मेवात इलाके की पहचान मिनी जामताड़ा के तौर पर हो रही है. राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों, वाहन चोरों और टप्पेबाजों को पकड़ने के लिए लगभग हर दिन भरतपुर और अलवर जिले के मेवात क्षेत्र में छापेमारी करती है। प्रदेश के एक दर्जन मेव बाहुल्य थाना क्षेत्रों में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने घर-घर सर्वे का काम शुरू कर दिया है. अपराधियों की पहचान कर उनका रिकॉर्ड बनाया जा रहा है. मेवात में बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए भरतपुर पुलिस इस साल अब तक 32 हजार से ज्यादा अलग-अलग कंपनियों के मोबाइल सिम कार्ड बंद करवा चुकी है. वहीं, दो साल में करीब 62 हजार सिम कार्ड बंद हो चुके हैं। इसके साथ ही आईएमआई के जरिए 70 हजार से ज्यादा मोबाइल फोन बंद हो गए हैं. पुलिस लगातार छापेमारी कर वाहन चोरों को गिरफ्तार कर रही है. एक साल में पुलिस ने उन स्थानों को बंद कर दिया है, जहां चोरी के दो और चार पहिया वाहनों को छिपाया जाता था।
मेवात में चोरी के वाहनों को छप्पर बनाकर छुपाने और दोपहिया वाहनों को सूखे कुओं में डालने की पुरानी प्रथा है। बाद में इन्हें फर्जी नंबरों के आधार पर बेच दिया जाता है। पुलिस ने बैंकों से संपर्क कर मेवात क्षेत्र में करीब तीन दर्जन एटीएम मशीनें बंद करवाईं। भरतपुर में पिछले कुछ महीनों में एटीएम मशीनों को उखाड़ने, कार्ड काटने और चोरी से पैसे निकालने जैसे अपराध बढ़े, पुलिस ने मेवात में एटीएम मशीनों को बंद करने का फैसला किया। इसके साथ ही कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है.