पुलिस ने भर्ती में सिलेक्शन कराने के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगो को किया गिरफ्तार

Update: 2022-06-06 09:39 GMT

राजस्थान न्यूज़: नागौर जिले की कोतवाली थाना पुलिस ने विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा का पेपर परीक्षा से पूर्व उपलब्ध कराने अथवा प्रतियोगी परीक्षा में सलेक्शन कराने के नाम पर मोटी रकम लेकर ठगी करने के आरोप में कोचिंग संचालक ओमाराम जाट (25) निवासी गांव डेरवा थाना बालाजी नागौर एवं लाइब्रेरियन सरजन सिंह (26) निवासी गढ़रिया थाना सुरपालिया को गिरफ्तार किया है. नागौर पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने बताया कि जोधपुर रोड निवासी कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक गौरी शंकर भाटी ने थाने में मामला दर्ज करवाया था कि वह अपने दोस्त ओमाराम के साथ साल 2015-16 में कंप्यूटर कोचिंग क्लास चलाता था. छह महीने बाद ओमा राम ने बीकानेर (Bikaner)रोड पर तेजस्वी एजुकेशन के नाम से कोचिंग सेंटर खोल लिया. कुछ दिन पहले ओमाराम उसके पास आया और ओएमआर में सेटिंग होना बताकर नौकरी लगाने के नाम पर 7 लाख 50 हजार रुपये की मांग की.

उसके बाद उसकी कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र सुरेंद्र निवासी हनुमान बाग से शनिवार को आयोजित पशुधन सहायक भर्ती में नौकरी लगाने के नाम पर 1.30 लाख, मनीष बसवाड़ा को प्रयोगशाला सहायक की भर्ती में सेलेक्ट कराने के नाम पर 1.50 लाख तथा ग्राम सेवक में भर्ती कराने के नाम पर संतोष सारण से 1.90 लाख व अमर चंद प्रजापत से 80000 मांगे. इनमें से मनीष और सुरेंद्र से मांगे गए रुपये अभी उसी के पास है. ओमाराम लाइब्रेरियन सरजन सिंह के साथ मिलकर यह काम करता है. मामला दर्ज कर गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी कोचिंग सेंटर संचालक ओमाराम व लाइब्रेरियन सरजन सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के मोबाइल से परिवादी गौरी शंकर अन्य पीड़ितों से की गई व्हाट्सएप चैट व अन्य दस्तावेज जब्त किये गए. पूछताछ में सरजन सिंह ने बताया कि थाना खाटू बड़ी निवासी हीराराम उर्फ हितेश जाट और महेंद्र चोयल उर्फ भोमाराम के लिये काम करता है.

प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर दिलाने या भर्ती कराने के नाम पर 6 लाख रुपये लेते थे. 2 लाख एडवांस, 4 लाख ओएमआर शीट दिखाने पर और सलेक्शन पर 6 लाख लिए जाते हैं. ओमाराम ने सीकर (Sikar) निवासी योगेश से सेटिंग होना बताया. आरोपित ओमाराम ने परिवादी गौरी शंकर की कोचिंग संस्थान के छात्रों को भर्ती कराने के नाम पर पैसे लेने तथा इससे पहले भी ग्राम सेवक, पटवारी भर्ती, विद्युत विभाग की भर्ती में भी पैसे लेना बताया है. इन दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद सामने आए गिरोह के सरगना महेंद्र उर्फ भोमाराम, हीराराम उर्फ हितेश एवं योगेश की तलाश के लिए टीमें भेजी गई है.

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