पोक्सो अदालत ने स्कूली छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के तीन आरोपियों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सुनाई सजा
श्रीगंगानगर न्यूज़: राजस्थान के श्रीगंगानगर में स्कूली छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के तीनों आरोपियों को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट) की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने आज 20-20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। विशिष्ट लोक अभियोजक गुरचरणसिंह रुपाणा ने बताया कि सूरतगढ़-पदमपुर बाईपास पर स्थित गांव साहूवाला के निवासी 20 से 23 वर्ष आयु के तीनों आरोपियों मोहम्मद रफी, मेवासिंह तथा इंद्रजीतसिंह उर्फ इंदू को अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म तथा लूट का दोषी पाये गये। प्रकरण के मुताबिक स्थानीय नेहरू पार्क के समीप एक कॉलोनी की निवासी 17 वर्षीय स्कूली छात्रा अपने दोस्त के साथ सर्दी के दिनों में 11 दिसंबर 2020 की देर शाम लगभग सात बजे स्कूटी पर अपने दोस्त के साथ सद्भावनानगर में राधा स्वामी डेरे के पास सुनसान एरिया की तरफ गई थी। तभी पास के एक खेत से निकल कर आए एक युवक ने छात्रा और उसके दोस्त को डराया धमकाया। स्कूटी की चाबी निकाल ली। इतने में दो और युवक भी आ गए। दो युवकों ने छात्रा के दोस्त को पकड़कर साइड में बिठा लिया। एक युवक छात्रा को नजदीक दूसरे खेत में ले गया। इस युवक ने जबरदस्ती छात्रा से दुष्कर्म किया। बाद में दो अन्य युवकों ने भी बारी बारी से छात्रा से जबरदस्ती की। इस बीच युवकों ने छात्रा के दोस्त को धमकाया। उसके मोबाइल फोन से एक युवक ने अपने गूगल-पे अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा। छात्रा के दोस्त ने पांच हजार रुपए उसके ट्रांसफर कर दिए। तत्पश्चात युवकों ने छात्रा और उसके दोस्त को धमकाते हुए छोड़ दिया कि वह इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताए। घटना के बाद छात्रा इस कदर डर गई कि घर आकर परिवार वालों को कुछ नहीं बताया। अगले दिन दोपहर को उसने हिम्मत की और अपनी मां को आपबीती बताई। तब यह मामला महिला थाना में पहुंचा।
पीड़िता द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर तीन अज्ञात युवकों के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म और लूट की धारों में मामला दर्ज किया गया। जांच तत्कालीन डीएसपी (शहर) इस्माइल खां द्वारा शुरू की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में प्रकरण की सुनवाई के दौरान 30 गवाह तथा 15 दस्तावेज साक्ष्य पेश किए गए। विशिष्ट लोक अभियोजक गुरुचरणसिंह रुपाणा एडवोकेट ने बताया कि न्यायाधीश सुरेंद्र खरे ने तीनों आरोपियों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 50-50 हजार का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर दो-दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।