गुजरात के उदयपुर से सब्जी और फल के ट्रकों में आ रहा प्लास्टिक, निगम को खबर नहीं
सब्जी और फल के ट्रकों में आ रहा प्लास्टिक
उदयपुर। उदयपुर राजस्थान में प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध के बाद जितने उद्योग प्रदेश में बंद हुए उससे कई ज्यादा गुजरात में पनप गए। वहां से प्रतिदिन सब्जियों, फलों की गाडिय़ों के साथ ही वीडियो कोच बसों में प्लास्टिक आ रहा है और यहां पर कई लोगों ने गोदाम बना रखे हैं। वहां से टुकड़ों-टुकड़ों में पूरे शहर में सप्लाई होता है। इसी कारण बाजार की कई दुकानों पर यह मौजूद है तो सुबह उठने वाले निगम के कचरे में इसकी सर्वाधिक मात्रा होती है। अब तक धरपकड़ के दौरान यूआइटी के गोदाम भी भर गए हैं।
राजस्थान पत्रिका ने 3 जुलाई के अंक में ‘प्रोत्साहित करे सरकार तो प्लास्टिक का विकल्प बन सकते हैं मकई के बैग’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद यूआइटी व नगर निगम की टीम सतर्क हुई, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सकी। जिम्मेदार महकमों को प्लास्टिक की सप्लाई चेन के बारे में सब कुछ पता है, लेकिन सख्त कार्रवाई व बड़ी टीम नहीं होने से यह कारोबार बदस्तूर जारी है। ट्रक चालकों को देते हैं एक्स्ट्रा भाड़ा : जानकारों ने बताया कि सुबह मंडी में गुजरात से आने वाले फल सब्जी के ट्रकों में प्लास्टिक चोरी छिपे आता है, इसके अलावा वीडियो कोच बसों में यह माल सप्लाई होता है। इस माल का अलग से भाड़ा दिया जाता है, इस कारण यह खुले में नहीं रखते। यहां पर चंद व्यापारियों ने इसके गोदाम बना रखे हैं, वे स्टॉक के बाद थोड़ा थोड़ा माल ही बेचते हैं। यूआइटी ने पिछले साल में कार्रवाई करते हुए अब तक 2622 चालान बनाते हुए 27 टन प्लास्टिक पकड़ते हुए करीब 17 लाख का जुर्माना वसूला। अब तक कार्रवाई में यूआइटी का गोदाम भर गया, लेकिन प्लास्टिक पर रोक नहीं लगी।