बूंदी। बूंदी सहायक विकास अधिकारी, ग्राम पंचायतों के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी और कनिष्ठ तकनीकी सहायकों को शुक्रवार को रीजेनरेशन पौधारोपण प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें कार्मिकों को पौधारोपण के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी और तकनीक की जानकारी दी गई। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत शुक्रवार को पंचायत समिति हिण्डोली सभागार में पौधारोपण का एक दिवसीय तकनीकी ज्ञान प्रशिक्षण पीपीटी के माध्यम से जिला परिषद बूंदी, आईटीसी मिशन सुनहरा कल, फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ। हिण्डोली विकास अधिकारी मोहन लाल मीणा ने बताया कि पौधारोपण के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी और तकनीक का ज्ञान होना अति आवश्यक है।
इस बार पौधे लगाने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। वहीं अगले साल भी पौधारोपण अभियान चलाने के लिए यह व्यवस्था तैयार की जा रही है। अगले साल का प्रस्तावित प्लान है कि पूरे टाउनशिप एरिया में सुंदरता में इजाफा करने के मकसद से फूलों के 1100 पौधों ट्री गार्डो के साथ रोपित किए जाएंगे। इस बार लगाए पांच हजार पौधों के लक्ष्य को सफल बनाने के लिए 500 पौधों का स्टाक रिजर्व रखा गया सही मौसम में सही विधि के साथ लगाए गए पौधे सदैव हरे भरे रहते है। बशर्ते उनकी नियमित देखभाल की जाए। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत शुक्रवार को रीजेनरेशन पौधारोपण प्रक्रिया प्रशिक्षण का आयोजन हुआ है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान वनस्पति या पर्यावरण पुनर्स्थापना की प्रक्रिया, वनस्पतियों में अनुक्रमण की अवस्थाएं, प्लांटिंग का सही तरीका, सही प्रजाति का चयन, सही समय, तकनीकी, पौधारोपण के लिए खौदे जाने वाले भिन्न-भिन्न प्रकार के गड्ढे, सावधानियां, देखभाल, चारागाह विकास, फेंसिंग, बीज गेंद, घास बुवाई की विधि, खरपतवार प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में पंचायत समिति हिंडोली के सहायक विकास अधिकारी, सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक आदि ने भाग लिया।