जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर रालसा एवं नालसा की योजनाओं तथा बाल विवाह रोको अभियान
रालसा जयपुर के एक्शन प्लान माह जून 2023 के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला की सचिव श्रीमती पूर्णिमा गौड़ ने मंगलवार,27 जून को बाल विवाह रोको अभियान तथा रालसा एवं नालसा की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए विशेष शिविर में आमजन को जानकारी दी।
सचिव श्रीमती गौड़ ने जिले के खेड़ापा थाना न्यायक्षेत्र में वृताधिकारी भोपालगढ़ श्री प्रेम कुमार तथा खेड़ापा थानाधिकारी श्री नेमाराम के साथ मिलकर माननीय नालसा द्वारा जारी तस्करी और व्यावसायिक यौन शोषण से पीड़ित के लिए योजना, जनजातीय लोगों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन, आपदा से पीड़ित परिवार को लाभान्वित किए जाने की योजना, असंगठित मजदूरों को लाभान्वितों किए जाने की योजना तथा माननीय रालसा की राजस्थान पीड़ित प्रतिकर योजनाओं के बारे में आम ग्रामीणों को जानकारी दी ।
सचिव श्रीमती गौड़ ने बताया कि राजस्थान पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत अपराध से पीड़ित पक्ष के पुनर्वास एवं प्रतिकर की महत्वपूर्ण योजना, जिसमें सरकारी कोष से विभिन्न अपराधों के पीड़ितों को देय प्रतिकर राशि दिलाने के प्रावधान किये गये है।
उन्होंने बताया कि अपराध से पीड़ित या उसके आश्रित, जिनको पुनर्वास की आवश्यकता है एवं अपराध से उनके परिवार की आय को हानि पहुंची है, जिससे आर्थिक सहायता के बिना उनका गुजारा कठिन हो गया है या उन्होंने अपनी आय से अधिक इलाज पर खर्च कर दिया है और जिन्हें किसी अन्य स्कीम में प्रतिकर नहीं मिला है तथा अभियोजन पक्ष का समर्थन किया है ऐसे लोग उक्त योजना में पात्र माने जाते है।
श्रीमती गौड़ ने यह भी बताया कि किस तरह से अंतरिम प्रतिकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा थानाधिकारी या मजिस्ट्रेट के प्रमाण-पत्र पर पीड़ित पक्ष को आवश्यक चिकित्सा खर्च तथा अन्य अंतरिम राहत के रूप में अंतरिम प्रतिकर दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि यह प्रमाण-पत्र थानाधिकारी या मजिस्ट्रेट को अपने आप बिना आवेदन के जारी करने होते हैं, फिर भी यदि प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो तो पीड़ित पक्ष इनके लिए आवेदन कर सकता है तथा अंतिम प्रतिकर -विचारण न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रकरण के निर्णय के समय अभियुक्त के दोषसिद्ध होने पर या दोषमुक्त अथवा उन्मोचित होने पर समुचित मामलों में पीड़ित पक्ष को प्रतिकर दिलाने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अनुशंसा प्रेषित की जाती है।
इसके लिये पीड़ित पक्ष के आवेदन की आवश्यकता नहीं है, फिर भी यदि ऐसी अनुशंसा नहीं की जाती है तो पीड़ित पक्ष इसके लिए संबंधित न्यायालय में आवेदन कर सकता है। इसके अलावा यदि अपराधी का पता नहीं लगने या फरार हो जाने पर पीड़ित पक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में अपराध से एक वर्ष में प्रतिकर हेतु आवेदन कर सकता है।
सचिव श्रीमती पूर्णिमा गौड़ ने स्थाई लोक अदालत, बाल विवाह तथा मृत्युभोज के दुष्परिणामों तथा स्थाई लोक अदालत के बारे में भी सभी को जानकारी दी ।
शिविर में खेड़ापा पुलिस थाना के थानाधिकारी नेमाराम, हेड कांस्टेबल श्री महिपाल, सरपंच श्री जेठाराम तथा उप सरपंच श्री बलदेव राजपुरोहित तथा उपस्थित गग्रामीणों ने पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पौधारोपण भी किया।
शिविर के अंत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला की ओर से श्री महेंद्र राजपुरोहित ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया गया।