पर्सनल कांटेक्ट प्रोग्राम‘ अब ऑनलाइन होगा ई-कंटेंट को ग्रामीण विद्यार्थियों का अधिकार मानें- शासन सचिव
प्रदेश में इस बार राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल परीक्षा के लिए आयोजित होने वाले पीसीपी (पर्सनल कांटेक्ट प्रोग्राम) को ऑनलाइन मोड पर आयोजित किया जाएगा। इस पहल से परीक्षार्थी प्रोग्राम अवधि की समाप्ति के बाद भी अपने से सम्बंधित कंटेंट का ऑनलाइन रिवीजन करते हुए अपनी सुविधा के अनुसार तैयारी कर सकेंगे।
स्कूल शिक्षा के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने शुक्रवार को शिक्षा संकुल में राजस्थान एजुकेशन इनिशिएटिव (आरईआई) में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के साथ एमओयू के तहत कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ दूसरे चरण की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उनके साथ यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इसके लिए पीसीपी प्रोग्राम के कंटेंट को डिजिटाइज किया जा रहा है। कंटेंट क्रिएशन के क्षेत्र में कार्य करने वाले पार्टनर्स इस मुहिम में भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ई-कंटेंट नहीं होने से वहां के युवा प्रतियोगिताओं में पीछे रह जाते हैं, ई-कंटेंट को ग्रामीण विद्यार्थियों का अधिकार मानें, इसके लिए डिजिटल क्रांति पैदा करनी है।
शासन सचिव ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग, सतत शिक्षा एवं साक्षरता निदेशालय तथा ओपन स्कूल के तहत ऐसे कई नवचारों को लागू किया जा रहा है। आरईआई पाटनर्स एमओयू के तहत क्षेत्र या जिला विशेष के लिए अपनी प्रोजेक्ट गतिविधियों के संचालन के साथ ही ऐसे इनोवेशन से भी जुड़े और अपने आईडिया साझा करे, जिससे सरकार और संस्थाओं की साझेदारी में विद्यार्थियों और लक्षित वर्ग को और बेहतर तरीके से लाभान्वित करने के मूल उद्देश्य को साकार किया जा सके।
‘रिजल्ट ओरियन्टेड‘ कार्य हो
शासन सचिव ने दूसरे दिन राजस्थान एजुकेशन इनिशिएटिव संस्थाओं के प्रतिनिधियों से चर्चा में इस बाबत पर विशेष बल दिया कि संस्थाएं ‘रिजल्ट ओरियन्टेड‘ कार्य करे , जिससे उसका विश्लेषण कर भविष्य के लिए नई संभावनाएं तलाशी जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग नवीन परिदृश्य में इसी अप्रोच के साथ कार्य कर रहा है। अतः इन संस्थाओं के कार्यों की प्रगति और परिणामों को ऐसी ही कसौटी पर परखा जाएगा।
आईसीटी लैब्स की क्रियाशीलता बढ़ेगी
समीक्षा बैठक में विद्यालयों में ई-कन्टेंट उपलब्ध करवाने वाली संस्थाओं ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया, इस पर शासन सचिव ने कहा कि विभाग के अधिकारी सभी प्रकार के ई-कन्टेंट का विशलेषण कर इनकी पहुंच सुनिश्चित करेंगे, इसके लिए आईसीटी लैब को और अधिक क्रियाशील किया जाना जरूरी है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को न्यूनतम संसाधनों के साथ आईसीटी लैब का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालयों में ऐसे शिक्षकों को चिन्हित किया जाये, जिनके पास आईटी से संबंधित डिग्री हो जिससे उनके अनुभवों का उपयोग आईसीटी लैब संचालन के कार्यों में भी किया जा सके। उन्होंने समय की आवश्यकता के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी ई-कन्टेंट से जोड़ने के निर्देश दिए। विद्यालयों में इन संस्थाओं के माध्यम से इंस्टॉल ई-कंटेंट को सभी बच्चों तक पहुंचाना के लिए संकुल स्तर से मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की एक टास्क फोर्स के गठन और प्रत्येक जिले मे एक नोडल अधिकारी बनाने पर भी बैठक में चर्चा की गई।
बैठक में एलबी टेक्नोलॉजीज, सिनेमा ऑन व्हील्स, एजूइजफन, फिलो एडटैक, फ्यूजन क्लासरूम, इंडीड फाउंडेशन, आईपीई ग्लोबल सेंटर फॉर नॉलेज एंड डेवलपमेंट, कैवल्य फाउंडेशन, मोइनी फाउंडेशन, पिरामल फाउंडेशन, स्कूलनेट इंडिया, सेव द चिल्ड्रन और वैदिक ब्रेन सोल्यूशंस जैसी संस्थाओं की ओर से अपनी गतिविधियों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अधिकारियों के अलावा आरईआई पार्टनर्स के प्रतिनिधि मौजूद रहे।