फैली गंदगी से लोग परेशान, पार्षद ने चलाया सफाई अभियान
फैली गंदगी से लोग परेशान
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ कस्बे के वार्ड 7 में लंबे समय से प्रोपर्टी व्यवसाय के लिए पड़े खाली भूखंडों की चारदीवारी नहीं होने से गंदगी व आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। इस संबंध में पार्षद हरिप्रकाश शर्मा ने अपने स्तर पर प्लॉटों की गंदगी साफ करने का अभियान चलाया है। शर्मा ने बताया कि प्रॉपर्टी का कारोबार करने वाले लोगों ने ये प्लॉट खरीद-फरोख्त के लिए छोड़ रखे हैं, जो काफी समय से ऐसे ही पड़े हैं। इन भूखण्डों की कोई चारदीवारी व रख-रखाव नहीं है और न ही निकट भविष्य में इन भूखण्डों के बसावट की कोई उम्मीद है, पूरे वार्ड में दो दर्जन से अधिक बिना चारदीवारी के खाली भूखण्ड हैं, जिनमें क्षति की सम्भावना बनी रहती है। बरसात के दिनों में पानी जमा हो जाने के कारण आसपास के घरों में। इतना ही नहीं ये प्लॉट आवारा जानवरों का अड्डा बन गए हैं, जिससे वार्ड में घूमने वाले बच्चे भी हमेशा डरे रहते हैं। इस संबंध में पहले भी कई बार नगर निगम प्रशासन को लिखित में शिकायत की गई थी कि इन भूखंडों के मालिकों को नोटिस जारी कर उनकी चारदीवारी के लिए पाबंद किया जाए, लेकिन नोटिस जारी करने के बाद भी उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने भूखंडों में नगर निगम का बोर्ड लगाकर आगे की कार्रवाई की मांग की है। ताकि वार्ड के लोगों को परेशानी न हो. इन खुले प्लाटों के कारण पूरे वार्ड में गंदगी का आलम रहता है और साफ-सफाई का कोई एहसास नहीं होता, इस संबंध में वार्ड के लोगों ने बार-बार सक्षम अधिकारियों से अपनी शिकायत दर्ज करायी है. नगर पालिका शहर में सफाई के नाम पर प्रति माह लाखों रुपये खर्च करती है। कहने को तो प्रत्येक वार्ड में सफाई के लिए 4-4 कर्मी तथा कचरा उठाव के लिए ट्रैक्टर पर दो-दो कर्मी तैनात किये गये हैं. दरअसल वार्डों में तीन सफाई कर्मचारी हैं। कचरा संग्रहण के लिए ट्रैक्टर पर एक ही व्यक्ति लगा हुआ है.
बाहरी वार्डों की सफाई व्यवस्था ठेके पर दे दी गई है, लेकिन ऐसी कोई कार्ययोजना नहीं है, जिसके तहत इतना पैसा खर्च करने के बाद भी कोई सुखद परिणाम मिल सके। आवारा पशुओं पर नियंत्रण को लेकर कोई नीति नहीं है, वहीं शहर भर से कूड़ेदान गायब हो गये हैं. लोग सड़कों व अन्य स्थानों पर कूड़ा फेंकने को मजबूर हो रहे हैं। सफाई कर्मचारियों से अन्य कई प्रकार के कार्य भी कराये जाते हैं, जिससे उनका मुख्य उद्देश्य एवं मूल कार्य कमजोर हो जाता है। दुर्भाग्य की बात यह है कि नगर पालिका में पिछले डेढ़ साल से कोई स्वास्थ्य एवं सफाई निरीक्षक नहीं है।