कोटा: कीचड़ से भरा नाला, टूटे और उधड़े हुए रोड, बिना ढ़की नालियां और आवारा मवेशियों का सड़कों व गलियों में जमावड़ा। ये हालात है कोटा नगर निगम के उस वार्ड नम्बर 20 के जिसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से जीती पार्षद करती हैं। जबकि निगम में बोर्ड भी कांग्रेस का ही है। वार्ड भ्रमण के दौरान वार्ड में कई अव्यवस्थाएं नजर आई। जिस शहर में विकास और सोन्दर्यकरण के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं, उसी शहर के लोग सफाई और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए मुंह ताक रहे हैं नगर निगम दक्षिण के इस वार्ड में करीब 7 हजार मतदाता हैं। वार्ड में रेगर मौहल्ला, जनता डेयरी के बाएं साइड का हिस्सा, खन्डेलवाल धर्मशाला और चित्तौड़ा की दुकान आदि इलाके आते हैं। और तो और वार्ड के कुछ हिस्सों में आज भी रोड लाइट के अभाव में अंधेरा पसरा रहता है। कुछ लोगों का कहना हंै कि वार्ड में विकास कार्यों के नाम पर शून्य काम हुआ है। वार्ड के हालात बहुत बेकार है। वार्ड में ठेकदारों के काम करने की स्थिति ये है कि जो काम एक माह में पूरा हो जाना चाहिए वो 6 महीनों तक पूरा नहीं हो पाता है लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वार्डवासियों का कहना हैं कि जिन उम्मीदों के साथ प्रत्याशी को पार्षद के रूप में चुना था वो उम्मीदें कही भी पूरी होती हुई नजर नहीं आई है। लोगों ने कई स्थानों पर अतिक्रमण कर रखा हैं और तो और लोगों ने तो सार्वजनिक शौचालय तक निर्माण कर लिया है लेकिन ना तो वो किसी को नजर आता है ना उनके ऊपर कोई नियम कायदें लागू होते हैं। लोग कहते हैं कि वार्ड में हर जगह आवारा मवेशियों, सूअरों और श्वानों का आंतक है। दिखावे के नाम पर विभाग के कार्मिक पकड़कर ले जाते हैं लेकिन वापस यहीं पर छोड़ जाते हैं अगर ऐसा करना ही है तो पकड़ने में सरकार का पैसा खर्च करते किया जाता है। वार्डवासी बताते हैं कि वार्ड में कुछ स्थानों पर नाली पटान का काम और सीसी रोड जरूर बने हैं लेकिन कई स्थानों रोड टूटे हुए हैं। सफाई नहीं होने के कारण नालियां अक्सर जाम रहती हैं। दिनभर सड़कों पर गंदा पानी फैला रहता है। ना वार्ड में गार्डन है ना पयापर््त लेबर। हर तरफ अव्यवस्थाएं ही नजर आती है। पार्षद को समस्या बताने के लिए फोन करो तो उठाते ही नहीं। कई हिस्सों के लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
इनका कहना हैं
वार्ड के जिन हिस्सों में विधायक कोष से पीने के पानी की पाइपलाइन बिछाई गई है वहां तो हालात ठीक है वरना तो लोग पानी के लिए हमेशा परेशान ही रहते हैं। सामुदायिक भवन जर्जर अवस्था में है। वार्ड के रोड पर गंदगी फैली रहती है। नियमित सफाई नहीं होती है। हर तरफ आवारा मवेशी और श्वान नजर आ जाएंगे।
-पपेन्द्र गहलोत, वार्डवासी।
वार्ड में एक बड़ा नाला है जिसकी सफाई हुए 2 साल से अधिक का समय हो गया है। छोटे नालों में पानी भरा रहता है। सीवरेज और पाइप लाइन बिछाने का काम बहुत धीमी गति से चल रहा है। वार्ड में नाली पटान जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही है। वार्ड के कुछ हिस्सों में पीने की पानी की समस्या का समाधान हो चुका है।
-श्याम गौड, वार्डवासी।
- वार्ड में हुए कार्यों को लेकर जब पार्षद इतिश्री शर्मा से उनसे मोबाइल फोन से सम्पर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।