सहरिया बस्ती के लोग बुनियादी सुविधाओं से है वंचित

Update: 2022-12-20 14:24 GMT

राजपुर न्यूज़: पंचायत समिति शाहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत अजरोड़ा के गांव केदारकुई सहरिया बस्ती के लोग आबादी की भूमि में जगह नहीं होने के कारण दो जगह पर टापरियों में निवासरत है। केदारकुई गांव मेन रोड से सुल्ली नदी के पास व सिलोरा रोड के पास 70-80 परिवार जंगलों में बसकर टपरियों में निवास कर रहे हैं। इन परिवारों को आज तक आवासों का लाभ नहीं मिला है। इस टापरियों मौहल्ला में आने जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। केदारकूई टपरियों में जाने के लिए सुल्ली बहराई वाली नदी को पार करना मुश्किल है। इस बस्ती में बिजली, आगनबाड़ी केंद्र, सीसी रोड, इंटरलॉकिंग इत्यादि कोई सुविधा नहीं है। चार माह वर्षा के कारण राशन सामग्री पीने का पानी व टीकाकरण डिलेवरी शिक्षा से वंचित इत्यादि परेशानियों से गुजर रहे हैं। ग्राम पंचायत अजरोड़ा व जाग्रत महिला संगठन के सहयोग से एक-एक पानी की बोर (बोरबेल) तो लगा दिए हैं। पर इनके पास बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है।

क्षेत्रीय विधायक व जिला प्रशासन व जन प्रतिनिधियों को रहने के लिए आवासों से संबंधित प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगा चुके हैं। टपरियों में रहने वाले परिवार सहरिया समाज मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार द्वारा इनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जागृत महिला संगठन की महिला बादामी बाई, सोनो बाई, द्रोप्ति बाई, संतोष बाई, जानकी बाई, निर्मला बाई, राधा बाई, रेखा बाई, कमला बाई,सुक्खो बाई, जामफली बाई, ममता बाई, गुड्डी बाई ने बताया कि केदारकुई पुरानी कालोनी से टपरिया व सुखासेमली के रास्ते पर सुल्ली नदी के पुल निर्माण आवास की मांग को लेकर विकास अधिकारी शाहाबाद को प्रार्थना पत्र देकर समस्याओं के समाधान की मांग रखी। महिलाओं का कहना हैं कि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो पंचायत समिति शाहाबाद व ग्राम पंचायत अजरोड़ा में प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे।

हमें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल रहा है। जिसके कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

- सीमा बाई, बस्ती निवासी।

क्षेत्रीय विधायक व जिला प्रशासन व जन प्रतिनिधियों को रहने के लिए आवासों से संबंधित प्रार्थना पत्र देकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

- रामकली बाई, बस्ती निवासी।

लोगों की समस्याओं का जल्द ही समाधान किया जाएगा ताकि मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके।

- छुट्टनलाल मीणा, विकास अधिकारी, शाहाबाद।

Tags:    

Similar News

-->