वार्ड 51 के क्षतिग्रस्त सड़कों पर चलने को मजबूर लोग

Update: 2022-12-19 12:43 GMT

कोटा न्यूज़: घरों के बाहर गाड़ियों पर कुछ ही मिनटों में जमी धूल की परतें, सड़कों से उड़ती धूल, अर्द्धनिर्मित नालों से निकलती बदबू से परेशान लोग। ये कहानी नहीं बल्कि हकीकत हैं कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड 51 के कुछ क्षेत्रों की। ये हालात तो तब है जब इस वार्ड का प्रतिनिधित्व निगम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के शहर जिला उपाध्यक्ष अनिल सुवालका करते हैं। वार्ड 51 में थर्मल कॉलोनी, कुन्हाड़ी, संत तुकाराम सामुदायिक भवन, हनुमानगढ़ी तथा अम्बेडकर नगर आदि क्षेत्र आते हैं। इनमें से अम्बेडकर कॉलोनी तथा यूआईटी की ओर से आवंटित कॉलोनी तथा हनुमानगढ़ी क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि भले ही शहर में करोड़ों के विकास कार्य करवाए जा रहे हंै लेकिन हम तो मूलभूत सुविधाओं के लिए आज तक तरस रहे हैं। कुछ लोगों का तो ये भी कहना है कि हमें भाजपाई होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। दरअसल वार्ड 51 के इन क्षेंत्रों में सड़कों की हालात वास्तव में इतनी खराब है कि पैदल तक चलने में पैर मुड़ सकता है। कॉलोनियों में बनाये जा रहे नाले कई स्थानों पर खुले पड़े हुए हैं। इन खुले नालों से उठनी वाली बदबू के कारण यहां रहने वाले लोगों का जीना तक दुश्वार हो चुका है। क्षेत्र में खाली पड़े भूखन्डों में या गदंगी और कचरे के ढ़ेर लगे हुए हैं या जानवरों ने डेरा जमाया हुआ है। इन्ही क्षेत्रों में एक हनुमानगढ़ी में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि उन्हे खुद के मकानों के पटटों के महीनों से निगम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। वे जब भी निगम जाते हैं उन्हे कोई ना कोई बहाना बनाकर वापस भेज दिया जाता है। नियमानुसार पटटा आवंटन के दौरान लगी आपत्ति का निवारण 7 दिनों में हो जाना चाहिए था लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ है। कई बार फोन पर सम्पर्क करने पर पार्षद अनिल सुवालका ने फोन नहीं उठाया।

वार्डवासियों का कहना है:

क्षेत्र के कई नालों का कार्य अधूरा छोड़ा हुआ है। लगभग सभी नाले खुले पड़े हैं। क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं है। सफाई के नाम पर सफाईकर्मी धूल उड़ाकर चले जाते हैं। सफाई नहीं करते कचरा फैला रहता है। नालियां गंदगी से भरी पड़ी हैं।

- सुरेन्द्रराय सक्सेना, स्थानीय निवासी

इलाके की गलियां खुदी पड़ी है। क्षेत्र के भाजपा से जुड़े लोगों के पट्टे नहीं बनाये जा रहे हैं। लोग जाते हैं तो उनको फटकार बाहर निकाल दिया जाता है। क्षेत्र में खाली पडेÞ प्लॉटों पर गंदगी के ढेÞर लगे हुए है। वार्ड में ना सफाई व्यवस्था है ना ही काई खुदी सड़कों की सुध लेने वाला।

- प्रहलाद सिंह पंवार, वार्डवासी

इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या इलाके में उड़ती धूल है। जिससे श्वास संबंधित बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। पूरे क्षेत्र में गड़ढें हुए पड़े हैं। सड़के खोद दी गई लेकिन अब उनकी सुध नहीं ली जा रही है। घरों के बाहर गाड़ी खड़ा करना तक मुश्किल हैं।

-रामचन्द्र राठौड़, वार्डवासी।

क्षेत्र की सड़कों को आज तक साफ नहीं देखा है। जब भी घर से निकलों धूल के गुबार नजर आते हंै। कितना ही मास्क या कुछ और डाल गा लो घूल तो जाती ही है। सड़कें खुदी हुई है। नालियां भरी हुई है। रोड साइड बने नालों को खुला छोड़ा हुआ है। जिससे दुर्घटना ही आशंका बनी रहती है।

-साक्षी सरोंजा, स्थानीय निवासी

मैने 8 महीने पहले पट्टा प्राप्त करने के लिए रसीद कटवाई थी, किसी ने मई माह में आपत्ति दर्ज करवाई लेकिन उसका आज तक निस्तारण नहीं हुआ है। क्षेत्र में 15 साल पहले नालियां बनाई गई थी उसके बाद कभी नालियां नहीं बनी।

- जमादार सिंह, निवासी हनुमानगढ़ी

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