भरतपुर: भरतपुर में पेंशनधारकों के लिए हर साल कराए जाने वाला सत्यापन आफत बन गया है। बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होने से जिले के 9 प्रतिशत पेंशनधारकों को पांच माह से पेंशन नहीं मिल रही है। वार्षिक सत्यापन की प्रणाली बुजुर्ग पेंशनधारकों के लिए मुसीबत बन गई है, क्योंकि उनके हाथ की अंगुलियों के फिंगर प्रिंट भी नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में ई-मित्र पर सत्यापन को लेकर परेशानी हो रही है। वहीं अब लोग सत्यापन के लिए कार्यालय उपखंड अधिकारी के पास चक्कर काट रहे हैं।
लेकिन यहां से भी उनको निराशा हाथ लग रही है। सोमवार को भरतपुर उपखंड अधिकारी कार्यालय में काफी संख्या में पेंशनधारी सत्यापन कराने पहुंचे थे। वहां कई पेंशनधारियों ने बताया कि वे छ: बार से उपखंड कार्यालय चक्कर काट रहे है,लेकिन अधिकारी बार-बार बाद में आने की कहकर टाल देते हैं। विकलांग पेंशनधारक जीवन बताते है कि वह तीन दिन से कार्यालय में सत्यापन के लिए आ रहे है लेकिन सत्यापन नहीं किया जा रहा है। घर में कमाने वाला कोई नहीं है,पेंशन से ही जीवन यापन चलता है, वो भी पिछले 4 महीने से रूकी हुई है।
वहीं पुष्पा बताती है कि वह विधवा है और पेंशन पिछले छ: महीनों से नहीं आ रही है। अब जीवन यापन करना मुश्किल हो भरतपुर जिले में 3 लाख 21 हजार 452 पेंशनधारक हैं ^ सरकार ने वृद्धावस्था,दिव्यांग और विधवा पेंशनर्स के वार्षिक सत्यापन के लिए 15 अगस्त तक अंतिम मौका दिया गया है। महंगाई राहत के लिए भी पंजीयन तभी होगा,जब वार्षिक सत्यापन करा लिया हो। जगदीश प्रसाद , उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जिले के 3 लाख 21 हजार 452 पेंशनधारक पंजीकृत है। हर साल अब पेंशनधारकों को सत्यापन करवाना होगा। छह माह का समय बीतने के बावजूद जिले के 2 लाख 92 हजार 841 का सत्यापन हुआ है। जबकि 28,611 पेंशनधारक सत्यापन अभी नहीं करवा पाए हैं। ऐसे में उन्हें 6 माह से पेंशन नहीं मिल रही है। जिले में 91 प्रतिशत का सत्यापन हो चुका है। फिर भी 28,611 पेंशनधारक वर्तमान में सत्यापन से वंचित है। जिससे उनकी पेंशन अटकी हुई है