चित्तौरगढ़। बड़ी सादड़ी के सरकारी अस्पताल में मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ गए हैं. आउटडोर में 300 मरीजों का आंकड़ा अब 700 के करीब पहुंच गया है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव मंगल ने बताया कि मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है। क्योंकि बारिश न होने से उमस भरी गर्मी के कारण घबराहट, उल्टी, सिरदर्द, बुखार आदि की समस्या बनी रहती है। बड़ीसादड़ी का सरकारी अस्पताल आसपास के क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण यहां मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बड़ीसादड़ी कस्बे के अलावा आसपास के छोटे-छोटे गांवों से भी लोग अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे हैं। बीमारियों के चलते आशा सहयोगिनी व एएनएम द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है।
डॉक्टर ने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए समय पर खाना और व्यायाम करें, समय-समय पर डॉक्टर से जांच करानी चाहिए. वह समय-समय पर मौसमी बीमारियों की दवा भी लेते रहते हैं। मानसून के मौसम में दूषित स्वच्छ जल का सेवन करें। पीने का पानी बड़ी जलजनित बीमारियों को जन्म दे सकता है। डॉ. राजीव मंगल ने बताया कि बरसात के मौसम में खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल से अच्छी तरह से ढकें। मच्छरों से बचने के लिए मच्छर भगाने वाले रसायनों का प्रयोग करें और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। त्वचा में फंगल संक्रमण से बचने के लिए मानसून के मौसम में कपड़ों को पूरी तरह सूखा रखें। बरसात के मौसम में कीटाणुरहित और पूरे कपड़े पहनें। मानसून के मौसम में ताजा और अच्छी तरह से पका हुआ खाना खाएं और जितना हो सके उतना खाना खाएं। बरसात के मौसम में नियमित रूप से हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। मानसून के दौरान बीमारी से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण आदि करवाएं।