कोटा न्यूज़: नए अस्पताल के सर्जिकल आईसीयू में डीसी शाॅक देने के दाैरान मरीज की माैत के मामले की जांच उच्चस्तरीय कमेटी ने शुरू कर दी। प्रशासन के निर्देश पर मेडिकल काॅलेज प्रिंसिपल डाॅ. संगीता सक्सेना ने कमेटी बनाई है।
इसमें एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. प्रतिमा जायसवाल, सर्जरी के सीनियर प्रोफेसर डॉ. राकेश शर्मा, निश्चेतना के सीनियर प्राेफेसर डॉ. मुकेश सोमवंशी और फोरेंसिक मेडिसिन के डॉ. पीके तिवारी शामिल हैं। इन्होंने नए अस्पताल पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी। इन्हें शुक्रवार काे रिपाेर्ट देनी है। विधायक संदीप शर्मा ने अस्पताल प्रशासन पर लापहरवाही का आराेप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।
एसडीएम व परिजनों में वार्ता के बाद मेडिकल बोर्ड से कराया पाेस्टमार्टम
घटनाक्रम की सूचना पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवींद्र त्यागी, कांग्रेस प्रदेश महासचिव राखी गाैतम, भाजपा नेता विकास शर्मा, ब्राह्मण कल्याण परिषद के संयाेजक अनिल तिवारी, भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष किशन पाठक आदि माैके पर पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आराेप लगाते हुए परिजनाें के साथ धरना शुरू कर दिया। नारेबाजी भी हुई। डीएसपी हर्षराजसिंह खरेड़ा और आसपास के थानाें के प्रभारी जाब्ते के साथ माैके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियाें का आराेप था कि अस्पताल में आए दिन इस तरह की घटनाएं हाेती हैं, लेकिन काेई समाधान नहीं निकलता।
उपखंड मजिस्ट्रेट अनिलकुमार सिंघल से प्रदर्शनकारियाें की कई दाैर की वार्ता हुई। तीन घंटे धरने और वार्ता के दाैरान तीन बाताें पर सहमति बनी, तब परिजन मेडिकल बाेर्ड से पाेस्टमार्टम कराने पर सहमत हुए। उपखंड अधिकारी सिंघल ने बताया कि वार्ता के मुताबिक आश्रिताें काे मुआवजा देने के लिए सीएम रिलीफ फंड के लिए प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। मृतक के भाई काे संविदा पर नाैकरी देने के संबंध में कलेक्टर के स्तर पर प्रक्रिया की जाएगी।