Barmer बाड़मेर । बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सेफ इंटरनेट डे के अवसर पर कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हॉल में आयोजित कार्यशाला के दौरान इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग एवं साइबर क्राइम से बचने के विविध पहलूओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत ने कहा कि इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय जागरूकता के साथ सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि ओटीपी के कारण कई बार धोखाधड़ी होने का अंदेशा रहता है। ऐसे में किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ ओटीपी एवं अन्य प्रकार का कोई पासवर्ड साझा नहीं करें। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने कहा कि विशेषकर महिलाओं,युवा वर्ग एवं बच्चों को इंटरनेट इस्तेमाल के सुरक्षित तरीकों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम की स्थिति में हैल्प लाइन 1930 एवं जिला मुख्यालय पर स्थापित साइबर सेल 02982-222004 पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम सतर्क रहेंगे, तो निसंदेह सुरक्षित रहेंगे। जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी दिलीप जैन ने बताया कि इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूकता बढाने के लिए प्रति वर्ष की भांति फरवरी माह के द्वितीय मंगलवार 11 फरवरी को मनाए जाने वाले सेफ इंटरनेट डे की थीम टू गेदर फॉर ए बैटर इंटरनेट रखी गई है। उन्होंने कहा कि कई बार साइबर अपराधी बैंक और निवेश के नाम से फर्जी कॉल एवं लिंक भेजकर बैक खाते से रकम उड़ाने की घटनाओं को अंजाम देते है। इसकी रोकथाम के लिए आमजन को जागरूक होना होगा।
इस तरह के किसी भी लिंक को ओपन नहीं करें। उन्होंनेे बताया कि आमजन अपने बैंक खाते एवं अन्य प्रकार के मजबूत पासवर्ड सेट करें। आमतौर पर 123456 या पासवर्ड जैसे आसान पासवर्ड का उपयोग करने से बचें। इसके बजाय अक्षरों, संख्याओं और प्रतीकों का मिश्रण करके मजबूत पासवर्ड बनाएं। ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी होने के खतरे को टाला जा सके। उन्होंने कहा कि दो-चरणीय प्रमाणिकता को सक्षम करें। 2एफए सुरक्षा का एक अतिरिक्त स्तर जोड़ता है, जिसमें एक दूसरा पासवर्ड, आपके फोन पर भेजे गए कोड के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित करनी होती है। उन्होंने कहा कि मोबाइल का स्क्रीन लॉक और बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण सेट करें। अपने डिवाइस को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बायोमीट्रिक्स अर्थात उंगलियों के निशान या चेहरे की पहचान या एक मजबूत पिन-पासवर्ड का उपयोग करें। इसके अलावा केवल आधिकारिक ऐप स्टोर्स से ऐप्स डाउनलोड करें। जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी दिलीप जैन ने कहा कि जब सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करें तो संवेदनशील खातों एवं ऑनलाइन बैंकिंग तक पहुंचने से बचें। किसी भी लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से पहले हमेशा ईमेल के स्रोत की पुष्टि करें।
नियमित अपडेट सुरक्षा की खामियों को ठीक करते हैं, जिन्हें अपराधी हेक कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कभी भी कॉल्स पर अपनी संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, आधार, पैन या बैंक विवरण साझा नहीं करें। अनियंत्रित आधार भुगतान सूचनाओं से सतर्क रहें। कभी भी अज्ञात नंबरों से आने वाले लिंक पर क्लिक नहीं करें, जो केवाईसी अपडेट के बहाने संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए निवेदन करे। इसी तरह कभी भी अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी या पैसों से सम्बंधित मांग को पूरा नहीं करे। कभी भी भुगतान प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन या ओटीपी, पिन साझा नहीं करें, यह स्कैम के तरीके हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ट्राई या टेलीकॉम विभाग के नाम पर आने वाली कॉल्स पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से बचें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन साझा नहीं करें और अपनी डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखे। उन्होंने बताया कि आमजन यह ध्यान रखें कि वास्तविक कूरियर सेवाएं बिना बुकिंग किए पार्सल के लिए कोई शुल्क नहीं लेतीं। उच्च लाभ के प्रति प्रेरित करने वाले ऑनलाइन निवेश ऑफरों से बचें। उन्होंने बताया कि कोई सरकारी एजेंसी पुलिस, सीबीआई, ईडी वीडियो या वॉयस कॉल्स के माध्यम से आपकी जांच या गिरफ्तारी नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि संवेदनशील लेन-देन संबंधित बैंकिंग, कानून स्वास्थ्य संबंधित जानकारी के लिए सार्वजानिक वाई-फाई का उपयोग करने से बचे। कार्यशाला के दौरान कोषाधिकारी जसराज चौहान, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मुरलीधर यादव, संस्थापन अधिकारी हस्तीमल राठौड़, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक कृष्णसिंह राणीगांव, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उप निदेशक कमलेश कुमार समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।
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