जनता जल योजना का संचालन जलदाय विभाग की लापरवाहीं से हुआ ठप

Update: 2022-07-30 08:05 GMT

जयपुर न्यूज़: राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि सीएम गहलोत ने बजट में बड़ी घोषणा करते हुए जनता जल योजना के संचालन का जिम्मा जलदाय विभाग को सौंप था, लेकिन जलदाय विभाग के अफसर इस योजना के कर्मचारियों को नहीं अपना रहे है। हालात यह है कि तीन महीने से इन न्यूनतम मजदूरी वाले कार्मिकों को सैलेरी नहीं मिल रही है। अफसर उनको उचित जवाब भी नहीं देते है। ऐसे में अब इन कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ने की ठान ली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के जवाब में घोषणा की थी कि जनता जल योजना का संचालन अब पंचायती राज की बजाय जलदाय विभाग ही करेगा। लेकिन जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते यह धरातल पर नहीं उतर पाई है। सीएम गहलोत की घोषणा के बाद जलदाय विभाग ने योजना को तो संचालित करने का फैसला कर लिया, लेकिन योजना से जुड़े कर्मचारियों को अपनाने से मना कर दिया। न्यूनतम मजदूरी वाले ये कर्मचारी जब विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल से मिले और मुख्यमंत्री गहलोत की घोषणा याद दिलाई, तो कोई संतोषजनक जवाब ही नहीं मिला। कमर्चारियों ने एसीएस सुबोध अग्रवाल के व्यवहार की भी आलोचना की है। पंचायती राज विभाग ने जनता जल योजना को जलदाय को हस्तांतरित कर दिया, परंतु अभी तक जलदाय विभाग ने 3 महीने से जनता जल योजना के कर्मचारियों को कोई मजदूरी नहीं दी है। अब आक्रोशित होकर प्रदेश की जनता जल योजना कर्मचारी शीघ्र ही जयपुर में महापड़ाव की तैयारी में जुट गए है।

जनता जल योजना के ठेके तो अब जलदाय विभाग द्वारा जारी किए जा रहे हैं लेकिन कर्मचारियों का समायोजन यह विभाग नहीं मान रहा है । वही पंचायती राज विभाग अब इन कर्मचारियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं मान रहा है। ऐसे में करीब 7 हजार कर्मचारी दो विभागों के बीच फंसकर रह गए हैं और अब आंदोलन करने की ठान ली है। अगस्त के दूसरे सप्ताह में कर्मचारियों ने पहले जल भवन पर महापड़ाव की तैयारी की है। उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल तक पर भी जा सकते हैं। 

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