उदयपुर: उदयपुर हुमड़ भवन में विराजित आचार्य वर्धमान सागर ने प्रात:कालीन धर्मसभा में कहा कि सभी को प्रति बोध की आवश्यकता है, क्योंकि जन्म के साथ जीवन तो प्राप्त हो जाता है लेकिन जन्म के बाद मृत्यु का समय भी आता है। मृत्यु को वही जीत सकता है, जो संयम को धारण करता है। जो अपने जीवन को गुरू चरणों में समर्पित करता है, वो ही सफलता प्राप्त करता है। आचार्य ने कहा कि भगवान से लेकर गुरुओं तक ने उपदेश दिया है कि जीवन तो सभी प्राप्त करते हैं, लेकिन जीवन कैसा जीयें इस बात को समझने की आवश्यकता है।
सरकार जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर ठोस नीति क़ायम करें - डॉ पुष्पेन्द्र : श्रमण संघीय मुनि डॉ.पुष्पेन्द्र ने कहा कि कर्नाटक में हाल ही में जैन संत की निर्मम हत्या भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात है। ऐसी घटना किसी साधु के प्रति कभी सुनने में नहीं आई। जैन धर्म अहिंसा का पर्याय है। श्रमण डॉ पुष्पेन्द्र ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर ठोस नीति निर्धारण करने सभी जैन संतों एवं जैन उपाश्रय, जैन मंदिरों को सुरक्षा प्रदान करने, हर राज्य में जैन समाज की विभिन्न समस्याओं के निर्धारण के लिए, समाज के उत्थान एवं विकास के लिए च्च्जैन आयोग’’ का गठन करें।
संत ललितप्रभ व चंद्रप्रभ ने टाउन हॉल मैदान में आयोजित 54 दिवसीय प्रवचनमाला में हजार खुशियों को पाने का 1 मंत्र विषय पर प्रवचन दिया। संत ललितप्रभ ने कहा कि खुशहालीपूर्वक जीवन जीने के लिए पॉजिटिव थिंकिंग दुनिया का सबसे सफल मंत्र है। बंद घड़ी भी दो समय सही समय दिखाती है। हो सकता है जिंदगी में समस्याएं पग-पग पर खड़ी हों, पर जीवन की बाजी वही जीतते हैं, जिनकी सोच बड़ी है। ब्लैक बोर्ड पर बनी हुई लकीर को छोटा करने के लिए डस्टर उठाने की जरूरत नहीं है, चौक उठाकर भी यह काम किया जा सकता है। पॉजिटिव थिंकिंग से हमारे कार्य क्षमता में वृद्धि होती है, रिश्तों में मिठास घुलता है, तनाव से बचाव होता है, प्रेम, शांति और प्रसन्नता का जीवन में संचार होता है।