जनता से रिश्ता : राजस्थान रीट भर्ती 2016 का मामला लगातार चर्चा में रहता है। एक वर्ष पहले प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने वर्षों से लंबित रीट भर्ती 2016 को पूर्ण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापसी की घोषणा की थी। साथ ही पीड़ित बेरोजगारों को आश्वस्त किया था कि सरकार के इस कदम से अंग्रेजी व विज्ञान-गणित के रिक्त पदों पर बेरोजगारों को नियुक्ति मिल सकेगी। एक साल बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री का यह बेरोजगार हितैषी प्रशासनिक निर्णय अभी तक सही अर्थ में पूर्ण नहीं हो पाया है।निदेशालय ने एसएलपी वापसी के बाद विज्ञान-गणित के 874 तथा अंग्रेजी के 511 पदों पर अस्थायी चयनसूचियां जारी की थीं। लेकिन निदेशालय की एक बड़ी खामी ने मुख्यमंत्री की सार्थक पहल को आज तक सार्थक नहीं होने दिया है। सूची जारी करने से पूर्व निदेशालय ने चयनित अभ्यर्थियों की पात्रता का सत्यापन किए बिना ही अस्थायी चयनसूचियों को प्रतीक्षा सूचि का रूप देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। जिससे सैकड़ों चयनित अपात्र व अनुपस्थित होने के बावजूद चयनसूची का हिस्सा बन गए, जिसका सीधा नुकसान वास्तविक पात्र अभ्यर्थियों को आज तक भुगतना पड़ रहा है।
सोर्स-amarujala