कैलादेवी मेले में आने वाले पदयात्रियों की सेवा में मरहम और पट्टी तो काेई भक्तों के पैरों की मालिश कर रहे
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करौली। करौली कैलादेवी मेले में इस बार रोडवेज बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को आगरा, हिंदसिटी, धौलपुर रूट के लिए बसें कम पड़ गईं। शाम को आगरा जाने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 4-5 घंटे इंतजार करना पड़ा। प्रशासन ने मेले में रोडवेज की 320 बसें लगाने का दावा किया है, लेकिन यात्री भार अधिक होने के कारण सोमवार को बसों की कमी रही। रोडवेज के मुख्य मेला अधिकारी अनिल पारीक ने कहा कि यात्रियों की अधिकता के कारण रोडवेज बसों की कमी हो रही है. उन्होंने बसों की व्यवस्था कराने की बात कही, लेकिन बसें समय पर नहीं पहुंचने से यात्री परेशान होते रहे। सोमवार शाम तक 256 बसें श्रद्धालुओं को लेकर गईं। इसमें 43 बसें हिंडौन सिटी, 14 गंगापुर सिटी, 117 आगरा, 71 बसें धौलपुर, 8 भरतपुर गईं। यहां तीर्थ यात्रा में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मार्च में महिलाओं के साथ-साथ युवक-युवतियां, बच्चे और अधेड़ उम्र के लोग भी शामिल होते हैं।
कोई 300 तो कोई 400 किमी दूर से पैदल आ रहा है। शीतला अष्टमी की पूजा के बाद अधिकांश पदयात्राएं कैलादेवी के लिए रवाना होती हैं। जगह-जगह पैदल चलने वालों के पैरों में पट्टी बांधने की व्यवस्था की गई है। पैदल चलने वालों के पैरों की मसाज कर सेवा की जा रही है। राहगीरों के साथ दुधमुंहे बच्चे भी हैं। कोई वॉकर पर तो कोई अपने माता-पिता की गोद में नजर आ रहा है। नवरात्रि में माता के मंदिर में बच्चों के मुंडन का विशेष महत्व होता है। महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर मीलों का सफर कर रही हैं। भक्तों में जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है। करौली जिले के कैलादेवी में रविवार रात और सोमवार की रात झमाझम बारिश हुई. इससे श्रद्धालु परेशान रहे। बारिश में मोहनपुरा मोड़ स्थित पेट्रोल पंप का पूरा परिसर श्रद्धालुओं से भर गया। श्रद्धालु वाहनों के नीचे सोते मिले। सोमवार की रात करीब नौ बजे बारिश के कारण मेले में चकरी, डोलर, झूले बंद हो गए। श्रद्धालुओं को बारिश से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं था।