जयपुर: राजस्थान आवासन मंडल की 2003 में लांच की गई एनआरआई कॉलोनी में चार हजार वर्गमीटर भूमि पर 30 साल से काबिज किसानों के अतिक्रमण बुधवार को हटाए और जमीन को मंडल ने अपने कब्जे में लिया। जमीन का बाजार मूल्य करीब 27 करोड़ रुपए आंका जा रहा है। आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा के निर्देश पर प्रताप नगर स्थिति एनआरआई कॉलोनी में काश्तकारों के अतिक्रमण को हटवाकर उन्हें मौके पर भी पट्टे दिए। सुबह ही मंडल के अधिकारियों के दल और पुलिस जाप्ते के साथ एनआरआई कॉलोनी पहुंचे। अधिकारियों ने 10 खातेदारों को पट्टे दिए और उसके बाद वर्षों पुराने कब्जे को ध्वस्त किया। पवन अरोड़ा से पूर्व भी कई मंडल आयुक्तों ने संबंधित भूमि से काश्तकारों के कब्जे हटाने की अनेक बार कार्रवाई की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमित अग्रवाल, उप आवासन आयुक्त केसी ढाका, आवासीय अभियंता सुभाष यादव, प्रकाश चौधरी व आरसी बुढ़ानिया सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
काश्तकारों के विरोध का करना पड़ा सामना: कार्रवाई से पूर्व ही काश्तकारों ने आवासों को खाली कर दिया था, लेकिन वह कार्रवाई से पूर्व पट्टे एवं आवासों का मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। मंडल अधिकारियों के कार्रवाई के तुरंत बाद पट्टे देने की बात कही और किसानों ने सशर्त आवास तोड़ने की स्वीकृति दी। मंडल ने एक दुमंजिला बिल्डिंग को हटाने की कार्रवाई की। एक से दूसरी कार्रवाई करने लगे तो किसान आक्रोशित हो गए और कार्रवाई रुकवा दी।