अब खाइए बाजरे का खाखरा, स्वाद पापड़ जैसा

Update: 2023-08-17 11:01 GMT
जोधपुर। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने कृषक महिलाओं के जीवन को दोगुना करने के संदर्भ में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक परियोजना के तहत बाजरा से खाखरा बनाया है, जो सात अलग-अलग स्वादों में उपलब्ध है। कुरकुरा और प्रोटीन युक्त होने के कारण यह खासकर बच्चों के लिए बहुत उपयोगी होगा। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मना रहा है। चावल, गेहूँ, मक्का, जौ और ज्वार के बाद दुनिया में बाजरा की खेती का छठा स्थान है। पूरे विश्व में लगभग 30 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया जाता है। बाजरे की खेती पश्चिमी राजस्थान के 15 जिलों में की जाती है। मोटा अनाज होने के कारण यह बहुत पौष्टिक होता है।
ऐसे तैयार किया जाता है खाखरा: काजरी की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. प्रतिभा तिवारी ने बताया कि बाजरे के आटे में थोड़ा सा गेहूं का आटा मिलाकर इसमें अन्य मसाले जैसे अदरक-लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च, नमक, अजवाइन, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च मिला लें. पाउडर को अलग-अलग अनुपात में मिलाया जाता है। इसके बाद इसे रोटी जैसे आकार में रखकर पतला बेल लिया जाता है. इसे तवे पर कपड़े या लकड़ी से दबाकर तब तक सेंका जाता है जब तक कि रोटी सख्त न हो जाए. यह दिखने में रोटी जैसा ही होता है, लेकिन स्वाद में रोटी से बिल्कुल अलग होता है। खाखरे को सीधे भी खाया जा सकता है. आप चाहें तो घी या मक्खन लगाकर इसका सेवन कर सकते हैं.
7 अलग-अलग फ्लेवर: खाखरे को काजरी ने 7 अलग-अलग फ्लेवर में तैयार किया है. इनमें मैगी मसाला खाखरा, कसूरी मेथी खाखरा, पुदीना खाखरा, चाट मसाला खाखरा, पाव भाजी मसाला खाखरा, तिल खाखरा और जीरा खाखरा शामिल हैं। खाखरे को नाश्ते के तौर पर खाया जा सकता है.नाश्ते में मिलेंगे पौष्टिक पदार्थ: डॉ. तिवारी ने बताया कि 100 ग्राम खाखरे में 12.6 ग्राम प्रोटीन, 8.6 ग्राम वसा, 71.01 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं. इससे 375 किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है. अतिरिक्त वसा न होने के कारण यह बच्चों के लिए काफी उपयोगी है। कुरकुरा होने के कारण बच्चों के दांत भी मजबूत रहेंगे।
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