कोई कितना भी कहे, किसानों के लिए मैं लगातार राजस्थान आता रहूंगाः उपराष्ट्रपति

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Update: 2023-10-07 15:28 GMT
कोई कितना भी कहे, किसानों के लिए मैं लगातार राजस्थान आता रहूंगाः उपराष्ट्रपति
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जोधपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चुनावी राज्य राजस्थान के लगातार दौरे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। धनखड़ ने कहा कि कोई कितना भी कहे, मैं किसानों के हित में राजस्थान लगातार आता रहूंगा। उप राष्ट्रपति शनिवार को केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान जोधपुर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषक-वैज्ञानिक संवाद को संबाेधित कर रहे थे। धनखड़ ने कहा, मैंने जिस बयान को बर्दाश्त किया, वो इसलिए कि मैं किसान पुत्र हूं, किसान के लिए कोई मेरी आलोचना करे, कोई बयान दे, कोई कहे कि बार-बार क्यों आते हैं, ये उनको सोचने की बात है। आपका कृषक पुत्र संविधान के अनुरूप काम करता है, नियमों का पालन करता है। ये मेरा मौलिक दायित्व है कि मैं किसान के लिए प्रांत और देश में हर सकारात्मक कदम उठाने में सहायता करूं। यह मैं लगातार करता रहूंगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बदलाव के प्रमुख केंद्र हैं और दुनिया में उन्होंने भारत को वो नाम दिया जिसकी हमने कभी कल्पना नहीं की थी, सोचा नहीं था, सपना भी नहीं देखा था। उन्होंने राज्यसभा में मेरा परिचय कृषक पुत्र के रूप में कराया। कई दशकों तक मैं वकालत करता रहा, लोकसभा का सदस्य बना, विधानसभा का सदस्य बना, वकालत के पेशे में कई काम किए। यह मात्र मेरी पहचान नहीं थी, उन्होंने मेरे कंधों पर बहुत बड़ा भार डाला है कि आपको देश के सर्वोच्च दूसरे पद पर आसीन होने में किसान का योगदान है, किसान का आशीर्वाद है, किसान के आशीर्वाद की वजह से आप यहां पहुंचे हो उसे आपको कभी नहीं भूलना है। इसी कड़ी के अंतर्गत लगातार मैं देश और प्रदेश में किसान की समस्याओं को लेकर आता रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि कृषक पुत्र का किसान के प्रति समर्पण कुछ लोगों को रास क्यों नहीं आ रहा है? प्रदेश में मेरी यात्राओं को लेकर अनर्गल बात करना मुझे अच्छा नहीं लगता है। मैं आपको आश्वासन देता हूं आपका कृषक पुत्र, हर परिस्थिति में, कर्तव्य पथ पर आपके काम के लिए सजग रूप से आगे बढ़ता रहेगा, चाहे कोई बयानबाजी हो, इसमें किसी प्रकार के अवरोध को हम मंजूर नहीं कर सकते, न करेंगे। देश की अर्थव्यवस्था में किसान का हाथ है, किसान के बिना बदलाव संभव नहीं है, किसान अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है और इसलिए मैं आपको आज तीन बातें विशेष तौर पर कहने आया हूं। बदलाव किसान को लाना है और किसान को बदलाव के साथ बदलना है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा किसानों से आग्रह रहेगा, आज के दिन हम बदलाव को गले लगाएं, तकनीक को सीखें, वैल्यू एडिशन करें, किसान अपने उत्पादों को सीधा न देकर उसमें कुछ न कुछ बढ़ोतरी करें और यह बहुत आसानी से संभव है क्योंकि सरकार की नीतियां सकारात्मक हैं और दूरगामी परिणाम लाने वाली हैं। धनखड़ ने कहा कि किसान जन्म से कड़ी मेहनत करता है, किसान बदलाव का केंद्र है। धनखड़ ने कहा, मैं आता रहूंगा क्योंकि मुझे आपकी ताकत मिलती है और आपकी ताकत के सामने दुनिया की बड़ी से बड़ी बंदूक फेल हो जाती है। इतने बड़े पद की गरिमा छोटी सोच से खराब मत करो, इस पद की गरिमा समझो, और समझ कर के छोटी राजनीतिक अखाड़े में मत फंसाओ। जिन लोगों ने ऐसा किया है, मैं मानकर चलता हूं विवेक पूर्वक सोचेंगे, समझेंगे सही रास्ते पर आएंगे। आपका बेटा किसान के काम के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
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