अजमेर: अजमेर महानिरीक्षक कार्यालय (पंजीयन व मुद्रांक विभाग) राजस्थान अजमेर में जिला स्तरीय कमेटी (डीएलसी) की दरों को डिजिटलाइज सर्विस ई -पंजीयन से जोड़ने के लिए तकनीकी कार्य अंतिम चरण में है। इससे अब किसी भी दस्तावेज का पंजीयन होने के साथ ही उसकी वास्तविक भोगौलिक स्थिति का पता लगाया जाकर सटीक डीएलसी दरें तय की जा सकेंगी। इसके लिए 19 जुलाई को जयपुर से एनआईसी की टीम अजमेर आएगी।
पंजीयन व मुद्रांक विभाग के महानिरीक्षक ( अतिरिक्त प्रभार ) राजस्व मंडल के निबंधक महावीर प्रसाद ने सोमवार को आईजी स्टांप कार्यालय में पदभार संभालने के बाद बातचीत में डिजिटलाईजेशन कार्य काफी समय से चलने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दस्तावेजों की मेपिंग व अपलोडिंग की जा रही है। उप नगर नियोजन अधिकारी की सहायता से तकनीकी पर्यवेक्षण किया जा रहा है।समीक्षा बैठक ली : पदभार संभालने के बाद आईजी महावीर प्रसाद ने अतिरिक्त महानिरीक्षक भगवत सिंह राठौड़, सीमा शर्मा, वित्तीय सलाहकार आनंद आशुतोष, उप महानिरीक्षक वंदना खोरवाल, अनिता चौधरी व अन्य अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। महावीर प्रसाद पूर्व में 25 सितम्बर 2019 से 15 अप्रेल 2022 तक ससी पद पर पदस्थापित रह चुके हैं। हाल ही में आईजी स्टांप अंश दीप का तबादला होने के बाद उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
जानकारी के अनुसार नई हाईटेक प्रणाली के तहत आईजी स्टांप रजिस्ट्रेशन में आने वाली भूमि को विभिन्न सर्किलों में बांटा जाएगा। जिससे अनुसार उसकी डीएलसी दर होगी। वर्तमान में कुछ दूरी पर ही दरें बदल जाती हैं। सड़क के आमने-सामने ही दरों में अंतर आ जाता है। ऐसे में रजिस्ट्री कराने के दौरान स्टांप शुल्क को लेकर संशय बना रहता है। इस प्रणाली के आने के बाद सर्किल अनुसार दर फिक्स होगी उसी अनुसार स्टांप ड्यूटी अदा करनी होगी।