नेशनल मेडिकल कमिशन ने चार नए जिलों में मेडिकल कॉलेज को दी मंजूरी
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जयपुर। राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर मेडिकल स्टूडेन्टस के लिए खुशखबरी भरी आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा जल्द ही धरातल पर उतरती नजर आ रही है। सीएम गहलोत सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि नेशनल मेडिकल कमिशन ने चार नए जिलों में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दे दी है, जहां अगले सत्र से 100-100 एमबीबीएस सीटों पर स्टूडेंस को प्रवेश मिलेगा। शेष बचे जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया युद्धस्तर पर जारी है।
राजस्थान समेत देशभर में चिकित्सकों की कमी किसी से छिपी नहीं है। केन्द्र हो या राज्य, हर किसी ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण सीमित मेडिकल कॉलेज को माना है। हालात ये है कि आजादी के बाद से 50 सालों तक महज छह मेडिकल कॉलेज राजस्थान में विकसित हो पाए। लेकिन अब केन्द्र से लेकर राज्य सरकारें नए मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर काफी गंभीर है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेडिकल क्षेत्र पर विशेष फोकस रखा है. जिसके चलते राजस्थान के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज की राह खुली है। सेन्ट्रल स्पोन्सर्ड स्कीम के चलते ये मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, जिसके लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में श्रीगंगानगर,धौलपुर, सिरोही व चित्तौड़गढ़ में बनाए गए मेडिकल कॉलेज के लिए 100-100 एमबीबीएस सीट को एनएमसी ने मंजूरी दे दी है। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि चार मेडिकल कॉलेजों में अधिकांश कार्य पूर्ण किया जा चुका है, शेष कार्य भी शीघ्र पूर्ण करवाने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने ये भी कहा है कि शेष बचे जिलों में भी जल्द ही मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलेगी।
हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रति गहलोत सरकार अत्यंत गंभीर है। फिलहाल जालोर, प्रतापगढ़, राजसमंद में मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृत शेष बची है, जिसके लिए नियमों में शिथिलता के प्रयास जारी है। खुद सीएम गहलोत इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र भेज चुके है। हालांकि अभी इस पत्र को लेकर केन्द्र में ही मामला विचाराधीन है। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा का इस बारे में कहना है कि हमारी कोशिश रहेगी कि इसी कार्यकाल में सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा का सपना पूरा किया जा सके और मेडिकल कॉलेजों के प्रति सरकार की गंभीरता से उम्मीद लगाई जा रही है कि शेष बचे तीनों जिलों के प्रस्तावों को भी जल्द मंजूरी मिलेगी। ऐसा हुआ तो देशभर में राजस्थान के खाते में ये उपलब्धि भी दर्ज होगी कि यहां प्रत्येक जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज है।