नगर निगम ने स्पैरो सॉफ्टटेक से दो साल से नहीं वसूली पेनल्टी

Update: 2023-05-31 12:08 GMT
नगर निगम ने स्पैरो सॉफ्टटेक से दो साल से नहीं वसूली पेनल्टी
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जयपुर। अफसर मेहरबान, कंपनी पहलवान। जी हां, जयपुर नगर निगम ग्रेटर का कुछ ऐसा ही हाल है। राजधानी में यूडी टैक्स कलेक्शन के लिए अधिकृत कंपनी स्पैरो सॉफ्टटेक प्रा. लि. की तमाम गलतियों पर अफसर पर्दा डालने में लगे हैं। भले ही नगर निगम को कितने भी राजस्व का नुकसान हो। गलत टैक्स बिलों से शहर के लोग कितने भी परेशान हों।

आरटीआई के तहत मिली एक सूचना के मुताबिक नगर निगम ने पिछले दो साल यानि वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान कंपनी से पेनल्टी राशि ही नहीं वसूली है। जबकि यूडी टैक्स कलेक्शन के लिए कंपनी को बतौर फीस नियमित भुगतान किया जा रहा है। भुगतान की भी व्यवस्था ऐसी है कि कंपनी को देय 9.95 प्रतिशत फीस का 80 प्रतिशत पैसा तो बैंक से स्वतः ही कंपनी खाते में चला जाता है। इसके लिए न तो बिल पेश करने की जरूरत है और ना ही पास करवाने की। जबकि बाकी 10 प्रतिशत राशि का भुगतान बिल प्रस्तुत करने के 60 दिन में कर दिया जाता है।

नगर निगम की उपायुक्त राजस्व (प्रथम) शिप्रा शर्मा की ओर से आरटीआई के तहत दिए गए जवाब में कहा गया है कि कंपनी से वर्ष 2020-21 के दौरान करीब 9 लाख रुपए की पेनल्टी वसूली गई है। उसके बाद वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान टैक्स वसूली औऱ राजस्व लक्ष्यों का मूल्यांकन ही नहीं किया गया है।

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 को समाप्त हुए भी 2 महीने बीत चुके हैं। खासखबर डॉट कॉम ने पहले भी बताया था कि स्वायत्त शासन निदेशालय औऱ नगर निगम के अफसर इस कंपनी पर इस कदर मेहरबान हैं कि तमाम शिकायतों के बावजूद कंपनी को ब्लैकलिस्ट करना तो दूर पेनल्टी तक नहीं वसूल रहे हैं। बल्कि ब्लैकलिस्ट करने के नोटिस देकर भी कोई कार्यवाही नहीं की।

कंपनी के जमा कराए टैक्स राशि के चैक तक बाउंस हो गए थेः

उल्लेखनीय है कि यूडी टैक्स कलेक्शन के लिए अधिकृत कंपनी स्पैरो सॉफ्टटेक के बतौर यूडी टैक्स, विज्ञापन शुल्क, हाउस टैक्स जमा कराए गए करीब 90 लाख रुपए के 143 चैक पिछले दिनों बाउंस हो गए थे। इस राशि की वसूली के लिए नगर निगम को विज्ञापनों पर लाखों रुपए खर्च करने पड़े थे।

जबकि नगर निगम राजस्व शाखा के सूत्रों की मानें तो कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट में कहीं भी यह प्रावधान नहीं है कि नगरीय विकास कर की राशि चैक से जमा कराई जाएगी। बल्कि यह राशि डिमांड ड्राफ्ट, ऑनलाइन ट्रांसफर अथवा नकद जमा कराई जानी चाहिए थी। इसका खुलासा खासखबर डॉट कॉम ने 21 अप्रैल, 2023 को प्रकाशित खबर में किया था।

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