जयपुर। बीजेपी सांसद किर्रोड़ी लाल मीणा ने गुरुवार को बीजेपी दफ्तर में प्रेस वार्ता कर सीएम गहलोत उनके पुत्र वैभव गहलोत और उनकी पत्नी हिमांशी गहलोत पर बड़े आरोप लगाए हैं। सांसद किरोड़ी ने कहा कि वैभव गहलोत और हिमांशी गहलोत के द्वारा पांच सितारा होटलों में बेनामी व्यवसाय किया जा रहा है और ऐसे व्यवसायों से अर्जित की गयी धन राशि को विभिन्न माध्यमों से एकत्र किया जाकर प्राप्तशुदा राशि को आगे वैभव गहलोत और हिमांशी गहलोत की एक डमी कंपनी "सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड" में स्थानांतरित किया जा रहा है।
सांसद ने कहा कि अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के समय में उक्त कम्पनी "ट्राईटन होटल एंड रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड (फेयर मौन्ट होटल) को निर्माण की स्वीकृति जे. डी.ए. द्वारा 21 अगस्त 2009 को जरिये पंजीकृत लीज डीड एवं स्वीकृत नक्शा दिया गया था एवं RIICO द्वारा फेयर माउंट होटल का निर्माण नवंबर 2009 को स्वीकृत किया गया था।
होटल फयर माउंट जयपुर एक कंपनी ट्राईटन होटल एंड रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड" के स्वामित्व में है। गहलोत ने एक शैल और फर्जी कम्पनी सिवनार होल्डींगस लिमिटेड के नाम पर 96,75,00,000/- रूपये मारीशियस से बेनामी रूप से निवेश किया गया है। यह कि प्रथम रूप से "सिवनार होल्डींगस लिमिटेड" एक फर्जी एवं शैल कम्पनी है जो कि मूल कंपनी "जेटीसी फिड्सीरी सर्विसेट लिमिटेड" (पूर्व नाम मिनर्वा फिडयूशीयरी लिमिटेड) मारीशियस के पते पर पंजीकृत है।
ट्राइटन होटल एण्ड रिसोर्ट प्रा. लि. (फेयर मौन्ट) में पच्चास प्रतिशत की हिस्सेदारी रतनकान्त शर्मा एवं उनकी पत्नि जूही शर्मा की है व अन्य बेनामी पच्चास प्रतिशत हिस्सेदारी गहलोत की "सिवनार होल्डींगस लिमिटेड" फर्जी एवं शैल मारीशियस की कम्पनी के नाम से है।
मारीशियस की शैल एवं डमी कम्पनी के जरिये कारोबार
सांसद किरोड़ी ने आरोप लगाया कि मारीशियस की शैल एवं डमी कम्पनी सिवनार होल्डींगस लिमिटेड" मूल रूप से "जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेट लिमिटेड" मारीशियस के द्वारा बनाई गई है। प्रथम रूप से सिवनार होल्डींगस लिमिटेड", जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड' के पते पर ही पंजीकृत है जो सुईट 2004. लेवल 2 अलेक्जेंडर हाउस एबेने मॉरीशियस में है । यह कि जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड" पूर्व में मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड थी एवं मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड को जेटीसी फिड्यूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड द्वारा वर्ष 2018 में अधिग्रहित (acquire) कर लिया गया एवं वर्तमान में इसका नाम जेटीसी फिडयूशीयरी सर्विसेस लिमिटेड ही है ।
सांसद किरोड़ी लाल ने कहा कि सिवनार होल्डींगस लिमिटेड के डायरेक्टर नवाज नीरज और थमोथिराम मनोगरन है, जो कि वास्तव में जेटीसी डियूशियरी लिमिटेड (पूर्व में मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड) के व्यक्ति है एवं थमोथिराम मनोगरन, वास्तव में मिनर्वा फिड्यूशीयरी लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक थे, जिसे बाद में जेटीसी फिडुशियरी लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था और अब थमोथिराम मनोगरन इस मनी लॉन्ड्रिंग और फंड मैनेजमेंट कंपनी जेटीसी फिडुशियरी (मॉरीशस) लिमिटेड के डायरेक्टर है। यह कि नवाज नीरज भी जेटीसी फिडुशियरी (मॉरीशस) लिमिटेड के व्यक्ति है जो कि जे.टी.सी. में प्राइवेट क्लाइंट के डायरेक्टर के पद पर हैं। आरोप है कि जे.टी.सी. में उक्त प्राइवेट क्लाइंट गहलोत परिवार से हैं जो काले धन को मारीशियस की कम्पनी के जरिये काले धन को सफेद करने में लगे हुये हैं। उन्होंने कहा कि जे. टी.सी. फिड्यूशीयरी लिमिटेड (पूर्व में मिनर्वा फिडयूशीयरी लिमिटेड के नाम से थी एक हवाला कम्पनी है एवं पनामा पेपर्स लीक स्कैम में लिप्त है।
पनामा पेपर लीक मामले को भी जोड़ा
पनामा पेपर्स लीक में ICIJ Offshoreleaks (International Consortium of Investigative Journalist Association) के द्वारा मनी लान्डरिंग एवं अघोषित आय रखने वाले रसूखदार व्यक्तियों के नाम का डाटा लीक किया गया था जिसमें 953 भारतीय निवेशकों के नाम आये थे एवं पनामा पेपर्स लीक में 20,000 करोड रुपए की अघोषित आय पाया जाना संसद में 27 जुलाई 2021 को वित मंत्रालय केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था और परिणामस्वरूप उक्त अघोषित आय पर 142 करोड़ रुपए का कर आयकर विभाग ने वसूल किया था।
ऐसे कर रहे काले धन को सफेद
उन्होंने कहा कि मिनर्वा होल्डिंग लिमिटेड (वर्तमान में जे. टी. सी फिड्युसीएरी सर्विसेज लिमिटेड) एक हवाला कम्पनी है जो कि पनामा पेपर्स लीक में लिप्त थी एवं सिवनार फिड्यूशियरी लिमिटेड गहलोत परिवार के लिये जे.टी.सी फिड्युसीएरी सर्विसेज लिमिटेड ( पूर्व में मिनर्वा होल्डिंग लिमिटेड ) द्वारा बनाई गई एक शैल एवं उमी कम्पनी है जिसका एक मात्र उद्धेश्य गहलोत परिवार के द्वारा कमाये गये काले धन को मारीशियस रूट के जरिये सफेद करने का है। टाइटन होटलस एण्ड रिसोर्ट लिमिटेड फेयर मौन्ट होटल एवं सिवनार होल्डींगस लिमिटेड, उक्त दोनों ही कम्पनीयों वर्ष 2007 में एक साथ बनाई गई है एवं सिवनार होल्डींगस लिमिटेड प्रथम दिन से सदैव ही फेयर मौन्ट होटल में पच्चास प्रतिशत हिस्सेदार बनी आ रही है जिससे यह स्पष्ट होता है कि सिवनार होल्डींगस लिमिटेड एक genuine investor नहीं है एवं गहलोत परिवार की हिस्सेदारी रखने के लिये बनाई गई एक शैल व डमी कम्पनी है।