उदयपुर में मानसून पैलेस, समुद्र तल से 944 मीटर ऊपर, यहां मेघा चौमासी पवना
समुद्र तल से 944 मीटर ऊपर, यहां मेघा चौमासी पवना
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उदयपुर, सज्जनगढ़ उदयपुर का मानसून पैलेस है। बादलाें काे चाैखट तक खींच लाता है। इस गुण के बारे में जानने के लिए मानसून ट्रैवलर्स टीम भी खींची गई। इसे महाराणा सज्जन सिंह ने 1884 में अरावली पहाड़ी पर समुद्र तल से 944 मीटर की ऊंचाई पर बादलों को देखने और छूने के उद्देश्य से बनवाया था। अब वन विभाग के कब्जे में है और सिर्फ पर्यटक राणा।
वे बादलों से गपशप करने आते हैं, वे आग और झूलों से भरे होते हैं। घने और काले बादलों ने शहर को घेर लिया, लेकिन महल पर नहीं उतरे। फिर बारिश शुरू हुई और एक अद्भुत दृश्य बनाया गया। आधा इलाका खड़ा था, आधा बचा था। फिर वह हवा के साथ इधर-उधर बह गया।
शहर भी हिल गया, क्योंकि इस बार मानसून 10 दिन देरी से आया और प्रवेश के दूसरे दिन डेढ़ घंटे में करीब डेढ़ इंच (40 मिमी) बारिश हुई। देर रात तक आसमान में रहे, मानो सोमवार को उठकर सामूहिक विभाग के उस पूर्वानुमान को पूरा कर रहे हों, जिसमें कहा गया था कि सोमवार को भी इस सूबा में भारी बारिश होगी।
अधिकांश हरियाली
उदयपुर में राज्य का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। राज्य के 11729 वर्ग किमी वन क्षेत्र में से 2753.39 वर्ग किमी उदयपुर में है। 23.49 प्रतिशत क्षेत्र वन क्षेत्र है। यहां औसत वर्षा 683 मिमी है।