पाली भाद्रपद में फिर सक्रिय हुआ मानसून, ऑरेंज अलर्ट जारी

Update: 2023-09-17 12:17 GMT
पाली। पाली प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हुआ है। पाली के साथ रोहट व रानी तहसील में शुक्रवार को झमाझम बरसात हुई। बरसात का दौर समाप्त होने के बाद उमस बढ़ गई। मौसम विभाग की ओर से पूर्वी राजस्थान के कई क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, नागौर व पाली में आने वाले दो दिनों के लिए यलो अलर्ट है। मौसम केन्द्र जयपुर के अनुसार मानसून ट्रफ बीकानेर, कोटा, रायसेन, वेल मार्क के केंद्र से होकर गुजर रही है। ट्रफ रेखा चक्रवाती परिसंचरण के पार दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से उत्तरी तटीय ओडिशा तक बनी हुई है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण हरियाणा और आसपास स्थित है। ऐसे में प्रदेश में कई जगह पर आगामी तीन-चार दिन में कई जगह पर तेज बरसात हो सकती है।
पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध क्षेत्र में बरसात तो महज एक एमएम दर्ज की गई, लेकिन उसके सहायक सेई बांध का कॉपर डेम तोड़ने के कारण जल आवक बढ़ गई। इसके चलते बांध का गेज पूरी भराव क्षमता 61.25 पर स्थिर रखने के लिए गेटों को एक-एक इंच से बढ़ाकर डेढ़-डेढ़ इंच कर करीब 300 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। जवाई बांध के गेट खोलने के बाद तीसरी बार गेटों को एक इंच से ऊपर उठाने से अधिक मात्रा में पानी का बहाव होने से अब नदी में पानी जालोर जिले के आहोर तक पहुंच गया है। जवाई बांध के सहायक सेई बांध का गेज अभी 3.60 मीटर (516.32 एमसीएफटी) है। इस बांध का पूरा पानी जवाई में परिवर्तित किया जाएगा।
जैतारण क्षेत्र में बलुन्दा, आनंदपुरकालु, बस्सी, घोडावड़ सहित क्षेत्र मे शुक्रवार शाम को हुई बरसात से किसानों की कटी हुई फसलें भीग गई। बलुन्दा निवासी राजू पूनिया ने बताया कि पहली बरसात में किसानों ने फसल बोई। उसके बाद बरसात नहीं होने के कारण फसल पूर्ण रूप से नहीं पकी। बरसात के अभाव में जल गई। बची हुई फसल को किसानों ने काटना शुरू किया तो अब बरसात होने से फसल भीग गई। किसानों ने गिरदावरी करवा कर नुकसान का सही आकलन करवाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
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