माइंस विभाग ने 4 हज़ार 234 करोड़ रुपए से अधिक का किया राजस्व संग्रहित
कोविड से पहले के वर्ष 2019-20 में राजस्थान के माइंस विभाग ने 3 हज़ार 141 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया था
जयपुर. कोविड से पहले के वर्ष 2019-20 में राजस्थान के माइंस विभाग ने 3 हज़ार 141 करोड़ रुपए का राजस्व (Mining Department Revenue Rajasthan ) एकत्र किया था. कोविड के बावजूद सकारात्मक प्रयासों से वर्ष 2020-21 में इसी अवधि में 3 हज़ार 244 करोड़ का राजस्व संग्रहित हुआ. विभाग की एक बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन विभाग सुबोध अग्रवाल (Secretary Mining Department Dr Subodh Agrawal Meeting) ने यह जानकारी दी.
अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन विभाग डॉ सुबोध अग्रवाल (Secretary Mining Department Dr Subodh Agrawal Meeting) ने बताया कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इस वित्तीय वर्ष में 6 जनवरी तक 4234 करोड़ 16 लाख रुपए का राजस्व जमा हुआ है. जो गए साल की इसी अवधि से 30 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने बताया कि सामान्य प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत में लक्ष्य अर्जित करने की रहती है. पर विभाग ने शुरू से ही प्रतिदिन के राजस्व संग्रहण के आधार पर मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं.
आरएसएमईटी, एनएमईटी, डीएमएफटी की राशि को भी जोड़ने के बाद ये राशि बढ़कर 5170 करोड़ रुपए से भी अधिक हो जाती है. उन्होंने बताया कि योजनाबद्ध प्रयासों, लगातार समीक्षा, छीजत पर प्रभावी रोक के निर्देश, अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण पर सख्त कार्रवाई के निर्देशों का परिणाम रहा है कि प्रदेश में माइंस विभाग के राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है.
उन्होंने बताया कि खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया (Mining Minister Pramod Jain Bhaya) ने भी एसीएस माइंस के साथ संभाग स्तर पर संवाद और समीक्षा की पहल की है. जिसका भी विभाग को फायदा मिला है. वहीं निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में खनन गतिविधियों से 6 से 8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 22 से 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग की ओर से राजस्व बढ़ोतरी के सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं. विभाग की ओर से अवैध खनन और परिवहन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं. आपको बता दें कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से समय समय पर की गई विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान खोज खनन कार्य को गति देने और राजस्व बढ़ाने के निर्देश दिए जाते रहे हैं. इसी का परिणाम है कि विभागीय कार्यों को गति मिली है.