मेहुल सिंह ने बनाया बैशाखी से जुड़ा छाता, तीन बाल वैज्ञानिकों का हुआ जापान यात्रा के लिए चयन

टेक्नोलॉजी से लोगों की लाइफ आसान बने

Update: 2021-09-09 14:12 GMT

जयपुर. केंद्रीय विज्ञान एवं प्राैद्याेगिकी विभाग ने राष्ट्रीय इंस्पायर अवार्ड-2019-20 (national inspire award) के लिए देशभर से कुल 60 बाल वैज्ञानिक (Child scientist) चुने गए हैं. इनमें प्रदेश के तीन छात्र शामिल हैं. झुंझनूं जिले के छात्र मेहुल सिंह का चयन किया है. मेहुल झुंझुनूं के सीतसर रोड स्थित डूंडलोद पब्लिक स्कूल का छात्र है. मेहुल के अलावा प्रदेश से सीकर जिले (Sikar district) की राजकीय आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल जैतुसर की छात्रा निकिता वर्मा और हनुमानगढ़ (hanumangarh) की नेहरू माॅडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की आफरीन शामिल हैं.

कालीपहाड़ी निवासी मेहुल ने दिव्यांग लोगों के लिए एक ऐसी वैशाखी का मॉडल तैयार किया. जिसमें छाता, मोबाइल ग्रिपर, टॉर्च, पावर बैंक भी लगाया गया. ताकि दोनों हाथों से वैशाखी लेकर चलने वाले दिव्यांगों को कोई परेशानी ना हो. राष्ट्रीय प्रतियाेगिता के लिए जनवरी 2019 में प्रदेश से 18 बाल वैज्ञानिकाें का चयन हुआ था. जिनमें सबसे ज्यादा सात बाल वैज्ञानिक झुंझुनूं जिले के थे.
तीन बाल वैज्ञानिकों को जापान यात्रा के लिए चयन
अब तीन बाल वैज्ञानिक का चयन जापान यात्रा के लिए हुआ है. जहां इन्हें चुनिंदा वैज्ञानिकाें से मिलने और उनसे सीखने का माैका भी मिलेगा. डीईओ अमरसिंह पचार ने बताया कि यह जिले के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है. स्कूल के सचिव बीएल रणवा व प्रिंसिपल सतबीरसिंह ने कहा-इससे अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी.
झुंझुनूं की मेहुल की जुबानी सुनिए मॉडल तैयार होने की पूरी कहानी…मैं सितंबर 2018 में पापा बलबीरसिंह (हैल्थ कोच) के साथ रेलवे स्टेशन पर बैठा था. बारिश हो रही थी. मैंने देखा कि एक दिव्यांग दोनों हाथों में वैशाखी लिए हुए चलता आ रहा था. उसने दोनों हाथों से वैशाखियां पकड़ रखी थी. वह छाता नहीं पकड़ सकता था और बारिश में भीग गया. उसकी परेशानी देख मुझे लगा कि कुछ करना चाहिए. मैंने वैशाखी के साथ छाते को जोड़ने का प्लान बनाया.
टेक्नोलॉजी से लोगों की लाइफ आसान बने
इसी दौरान इंस्पायर अवार्ड की घोषणा हुई तो मैंने उसके लिए अपना आइडिया भेजा. इसमें मेरी बड़ी बहन साइंस टीचर अंकिता शेखावत ने मदद की. हमने वैशाखी में छाते के साथ टार्च और घंटी लगाई. यह आइडिया स्टेट लेवल पर चुना गया. इसके बाद नेशनल स्तर पर इसमें और सुधार कर पावर बैंक, माेबाइल ग्रिपर और फाेर्डबेल चेयर भी जाेड़ दी. मेरा मकसद है कि साइंस और टेक्नोलॉजी का उपयोग लाइफ को आसान बनाने में किया जाए.
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