हैंड ट्रांसप्लांट कर मेडिकल साइंस ने किया कमाल, इस वजह से काटने पड़े थे हाथ और पैर

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Update: 2021-11-18 12:42 GMT

राजस्थान। अपने घर की जिम्मेदारी संभालने वाले किसी भी व्यक्ति की किसी हादसे की वजह से अगर दोनों हाथ और दोनों पैर काटने की नौबत आ जाए, तो उसकी दुनिया उजड़ जाती है. कुछ ऐसा ही हादसा राजस्थान के कबड्डी खिलाड़ी जगदेव सिंह और पुणे के रहने वाले प्रकाश शेलार के साथ भी हुआ. दोनों ने अलग-अलग इलक्ट्रिक करेंट हादसे में अपने दोनों हाथ और दोनों पैर गंवा दिए. अब मुंबई के परेल स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल में दोनों को हैंड ट्रांसप्लांट के जरिए नया हाथ मिला है. इसी अस्पताल में मोनिका मोरे नाम की युवती को भी हैंड ट्रांसप्लांट के जरिए हाथ मिला, जिसने रेल हादसे में अपना हाथ गंवा दिया था.

राजस्थान के रहने वाले 22 साल के कबड्डी खिलाड़ी जगदेव सिंह को 20 महीने पहले जनवरी 2020 में बिजली का झटका लगा था. संक्रमण और गैंग्रीन के कारण उनके दोनों हाथ और पैर काटने पड़े थे. जगदेव को उसी साल कबड्डी अकादमी में शामिल होना था. जगदेव की ज़िंदगी 15 अक्टूबर 2021 को दशहरा के दिन बदल गई, जब परेल के ग्लोबल हॉस्पिटल से उन्हें हैंड ट्रांसप्लांट के लिए फोन आया. अहमदाबाद में एक परिवार द्वारा उनके परिजन के अंगदान से जगदेव को दोनों हाथ मिले. प्लास्टिक सर्जन, हाथ और माइक्रोवैस्कुलर सर्जन, ऑर्थोपेडिक सर्जन और एनेस्थेसियोलॉजिस्ट सहित डॉक्टरों की एक बड़ी टीम ने जटिल सर्जरी में भाग लिया, जो 13 घंटे तक चली.

ऑपरेशन के बाद सुचारू रूप से ठीक होने के लिए गहन देखभाल करने वाले चिकित्सकों, इम्यूनोलॉजिस्ट और नर्सों की एक टीम द्वारा जगदेव की बारीकी से निगरानी की गई. फिजियोथेरेपिस्ट की टीम ने उन्हें फिर से अपने कृत्रिम पैरों पर खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की, क्योंकि सिंह को अपने वजन को संतुलित करने और अपने नए प्रत्यारोपित हाथों को समायोजित करते हुए अपने कृत्रिम पैरों पर चलने की कला सीखनी पड़ी.  जगदेव की तरह पुणे के 33 वर्षीय प्रकाश शेलार की सर्जरी की गई. दो साल पहले पुणे के प्रकाश शेलार को भी 2019 में दिवाली के दौरान बिजली का झटका लगा, जिसके परिणामस्वरूप सभी 4 अंगों का गैंग्रीन हो गया, जिससे प्रकाश के दोनों हाथ और पैर काटने पड़े. पेशे से एक एकाउंटेंट, वह अपने माता-पिता, पत्नी और 4 और 2 साल की उम्र के 2 बच्चों सहित अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. इस दुखद घटना के कारण उसकी नौकरी चली गई और वह अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए अपने परिवार पर निर्भर हैं.

उनकी पत्नी और मां ने अपने परिवार और बच्चों की शिक्षा के लिए छोटी-छोटी नौकरियां की. प्रकाश ने 9 महीने पहले ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉक्टर डॉ. नीलेश सतभाई से मुलाकात की और हाथ प्रत्यारोपण के लिए प्राप्तकर्ता प्रतीक्षा सूची में पंजीकृत किया गया. 30 अक्टूबर 2021 को यानी इस साल दिवाली से ठीक पहले सूरत से हाथ दान के लिए एक अलर्ट प्राप्त हुआ प्रकाश का ग्लोबल हॉस्पिटल, परेल में दोनो हाथ का प्रत्यारोपण किया गया.

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