बीकानेर। बीकानेर खाजूवाला को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने को लेकर उठी असंतोष का आवाज को शुक्रवार को महिलाओं का भी साथ मिला। चूल्हा-चौका छोड़ कर बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने पहुंचीं और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खाजूवाला को बीकानेर में ही रखे जाने की मांग उठाई। पूरे दिन तनावपूर्ण शांति के बीच कुछ अद् भुद नजारे भी देखने को मिले, जब धरने के पांचवे दिन जहां कुछ लोग हनुमान चालीसा पाठ कर सरकार को सद्बुद्धि का आह्वान करते दिखे, वहीं दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने धरनास्थल पर ही असर की नमाज अता की। धरने पर शुक्रवार को चक, आबादी, पंचायतों तथा मण्डी के व्यापारी तथा कई वर्गों के लोग आए।
दिन में उस वक्त पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए, जब खाजूवाला को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने पर धन्यवाद सभा की घोषणा करने वाले एक कांग्रेसी नेता अपने समर्थकों के साथ ट्रैक्टर रैली लेकर आ धमके। मुख्य चौराहे के पास उन्होंने आनन-फानन में टेंट भी लगा लिया। हालांकि, प्रशासन ने टेंट हटवा दिया, लेकिन वे दूसरी जगह टेंट गाड़ कर फिर बैठ गए और सभा शुरू कर दी। बीएसएफ की भूमि पर निर्माणाधीन केन्द्रीय विद्यालय के सामने लगे टेंट में चल रही सभा को बीएसएफ के अधिकारी व जवानों ने मिल कर रुकवाया और इन लोगों को वहां से हटाया।
धरनास्थल पर तनाव न हो, इसके लिए बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ तथा चुरू से पुलिस जवान बुलाए गए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्यारेलाल शिवरान व उप पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार तथा थानाधिकारी रामप्रताप वर्मा के नेतृत्व में जवान तैनात रहे। अनूपगढ़ जिले में शामिल होने को लेकर धन्यवाद सभा के आयोजन की खबर जैसे ही धरना दे रहे समूह में पहुंची, तनाव फैल गया। एसडीएम कार्यालय के सामने चल रहे धरने से युवक सड़क पर आ गए। हालांकि, पुलिस ने रास्ता बंद कर व समझा-बुझा कर इन्हें भेज दिया। इस बीच, खाजूवाला को जिला बनाने तथा खाजूवाला को बीकानेर जिले में यथावत रखने की मांग को लेकर क्षेत्र के सरपंचों का एक दल जयपुर पहुंचा। यहां कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल से मिलकर खाजूवाला की स्थिति के बारे में अवगत करवाया तथा समस्या समाधान की मांग की। मंत्री मेघवाल के साथ पीसीसी चीफ गोविन्दसिंह डोटासरा व रामलुभाया कमेटी से भी शिष्टमंडल मिला।