माफियाओं ने अवैध बजरी वाले वाहन निकाले, किरोड़ी के मार्च में व्यस्त पुलिस

Update: 2023-01-03 06:11 GMT

सवाई माधोपुर न्यूज: लीज धारक द्वारा बजरी के अवैध खनन के खिलाफ मार्च निकाल कर कलेक्ट्रेट का घेराव करने की डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की घोषणा के बाद प्रशासन हरकत में आ गया. सोमवार को जिले के सभी थाना क्षेत्रों से पुलिस नाके सहित लीज धारकों के नाकों को खाली छोड़कर बजरी वाले वाहनों को रोकना बंद कर दिया. बजरी लूटने की छूट मिलते ही एक तरह से लोग टूट पड़े। बनास नदी हो या सड़क, एक नहीं बल्कि दो-तीन बार बजरी भरकर डंपर, ट्रैक्टर, ट्रॉली यहां-वहां दौड़ते नजर आए। ऐसा लग रहा था मानो जिले की सरकारी मशीनरी ने हथियार डाल दिए हों और जहां से चाहे वहां से बजरी निकालने की खुली छूट दे दी हो।

प्रशासन का अनुमान गलत निकला: सोमवार को बजरी पट्टाधारक व स्थानीय लोगों पर बजरी को लेकर बंदिशों के खिलाफ डॉ. मीणा का आंदोलन शुरू हो गया था. ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि करीब चार से पांच हजार लोग पहुंच सकते हैं, लेकिन प्रशासन की इस चाल के चलते मौके पर उम्मीद से कम ही लोग पहुंचे. पूछताछ करने पर पता चला कि सभी बजरी भरने के लिए अपने वाहनों सहित बनास नदी में फंसे हुए हैं। सड़कों और चौकियों पर न तो पुलिस है और न ही ठेकेदार के लोग। ऐसे में इस लूट को छोड़कर कोई इस आंदोलन में शामिल होने के लिए जिला मुख्यालय क्यों पहुंचेगा? सोमवार को कई ट्रैक्टर चालकों व डंपर चालकों ने पिछले दिन से सोमवार शाम तक पांच से छह चक्कर लगाए। यानी एक ट्रैक्टर मालिक को बिना एंट्री फीस दिए 60 से 75 हजार रुपये की कमाई।

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