शराब दुकान बंद करवाई फर्जी दस्तावेज से ठेका लेकर शराब दुकान खोलने पर आबकारी विभाग ने लिया संज्ञान

Update: 2023-04-19 08:37 GMT
जोधपुर। आबकारी विभाग ने आसोप में एक युवक के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर 2.36 करोड़ में शराब दुकान के ठेके का संज्ञान लिया है. पुलिस ने शराब की दुकान तो बंद करवा दी, लेकिन रात तक पिछले दरवाजे से दुकान पर शराब की बिक्री होती रही. इस दौरान आबकारी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और न ही शराब को जब्त कर दुकान को सील किया.
उधर, आबकारी विभाग ने पिछले साल के फर्जी ठेकों और उसकी 45 लाख रुपये की वसूली के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया है. पूरे मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।चार दिन पहले उदयमंदिर थाने में मामला दर्ज कराते हुए राकेश सैनी निवासी आसोप नइयो का बास ने बताया कि वह फरवरी में आरोपी शोरूम संचालक समुंदर भार्गव के पास बाइक खरीदने गया था. समुंदर ने आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज रखे, फिर यह कहकर मना कर दिया कि वाहन को फाइनेंस नहीं किया जा सकता। इसके बाद राकेश काम करने के लिए औरंगाबाद चला गया। आरोपी समुंदर सिंह ने राकेश के दस्तावेज लगाकर 2.36 करोड़ रुपये में शराब का ठेका ले लिया। आरोपी ने पप्पुरम की दुकान का रेंट डीड भी बनवा लिया और उसमें भी फरियादी के जाली दस्तावेज बनवा लिए।शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि पूरे मामले में आबकारी अधिकारी के बिना दुकान का आवंटन नहीं किया जा सका. राकेश ने बताया कि किसी को पता न चले इसलिए राकेश सैनी की जगह दुकान पर राकेश का साइन लिखवा दिया।
परिवादी ने बताया कि आरोपी समुंदर ने 2021-2022 में 1.76 लाख में ठेका लिया था। छह महीने दुकान चलाई। फिर आबकारी विभाग को करीब 45 लाख रुपए का बकाया भुगतान कर ठेका बंद कर दिया। दस्तावेज आकाश के होने के कारण विभाग ने आकाश को दोषी मानते हुए उस पर से वसूली हटा दी। आबकारी विभाग के जिला अधिकारी ने इस मामले में कोई आदेश जारी नहीं किया।
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