उदयपुर। शहर के स्वरूपसागर झील के समीप हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारी एवं कर्मचारियों की जिंक कॉलोनी में बीती रात तेंदुआ आ गया। दो कुत्तों का शिकार करने के बाद वह चला गया। जिंक कॉलोनी के पास ही सितारा होटल द ललित तथा सरकारी होटल आनंद भवन मौजूद हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बीती रात लगभग डेढ़ बजे एक तेंदुआ जिंक कॉलोनी के मुख्य गेट के बाहर देखा गया। शहर के बीचों—बीच स्थित यह कॉलोनी बेहद ही सुरक्षित मानी जाती है और यहां 24 घंटे जिंक के सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। रात में जब कुत्तों के दौड़ने और भौंकने की आवाज सुनी तो तैनात सुरक्षाकर्मी को शक हुआ और वह गेट पर बने केबिन से बाहर आया तो वह तेंदुए को देखकर सकते में आ गया। उसके बुलाए जाने पर अन्य तीन—चार सुरक्षाकर्मी भी वहां आ गए। इसी ीच पुलिस की वैन भी गश्त करते हुए वहां पहुंची। आबादी क्षेत्र में तेंदुए के होने पर एकबारगी पुलिसकर्मियों को यकीन नहीं हुआ और जब सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गए तो तेंदुए के आने की पुष्टि हुई। उन्होंने देखा कि तेंदुए ने किस तरह दो कुत्तों को शिकार किया। जिसमें से एक को वह वहीं छोड़ गया, लेकिन दूसरे को मुंह में दबाकर उठा ले गया।
पिछले दिनों गुमानिया वाले नाले के पास खंडहर में दिखा तेंदुआ
लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले लोगों ने एक तेंदुए को गुमानिया वाले नाले के समीप खंडहर मकान में देखा था। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस ने पिंजरे भी लगाए लेकिन उसके बाद वह कभी दिखाई नहीं दिया। इस बीच बेड़वास—प्रतापनगर क्षेत्र में अलख नयन मंदिर के समीप भी लोगों ने एक तेंदुए को गुजरते देखा था। जिसने बेड़वास की बस्ती से एक पालतू कुत्ते का शिकार भी किया था। कुछ दिन पहले करणी माता मंदिर में भी तेंदुए का जोड़ा देखा गया था। जिसकी हलचल मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हुई।
बड़गांव क्षेत्र में एक किसान का शिकार कर चुका तेंदुआ
पिछले महीने तेंदुए ने शहर के समीप बड़गांव क्षेत्र के पालड़ी गांव के खेत से एक किसान को उस समय शिकार बना लिया, जब वह गेहूं की निकाली गई फसल की सुरक्षा के लिए बैठा था। उसके बाद वन विभाग की टीम एक तेंदुए को पकड़ने में सफल रही और उसे बाद में जयसमंद सेंचुरी में दो अन्य तेंदुओ के साथ छोड़ दिया गया था।