उदयपुर। उदयपुर शहर से सटे इलाकों में तेंदुओं की दस्तक के साथ इनमें संघर्ष भी बढ़ता जा रहा है। बड़गांव क्षेत्र के तुला में बुधवार को फिर तेंदुए लड़ पड़े। संघर्ष में मादा की मौत हो गई। गत 14 अगस्त को कोड़ियात के जंगल में दो तेंदुए रातभर लड़ते रहे। दूसरे दिन एक का शव मिला था। तुला में मादा पैंथर के मृत पड़े होने की सूचना वन विभाग को शाम 4 बजे पहुंची। इस पर टीम पहुंची। अधिकारियों ने शिकार की आशंका से इनकार किया है। रेंजर मोहम्मद इस्माइल शेख ने बताया कि यह डेढ़ साल की मादा है। इसके शरीर पर वन्यजीवों के ही नाखूनों के निशान हैं।
संभवतया इस मादा की किसी अन्य तेंदुए से झड़प हुई होगी। पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार गुरुवार को करेंगे। बता दें, मंगलवार कोड़ियात के जंगल में 4 साल का नर तेंदुआ मृत मिला था। अधिकारियों और जानकारों ने बताया था कि मानसून में तेंदुओं का प्रजनन काल होता है। मादा के लिए अकसर नर तेंदुओं में झड़प हो जाती है। यह लड़ाई तब तक चलती रहती है, जब तक कि किसी एक की मौत न हो जाए या कोई मैदान न छोड़ भागे। इधर पालड़ी-कटारा में फिर आतंक: बड़गांव पंचायत के बांडी नाल, पालड़ी, कटारा गांव साढ़े चार महीने बाद फिर तेंदुओं से खौफ है। क्षेत्रवासियों ने वहां दो तेंदुए देखना बताया है। इस पर विभाग की टीम ने मुआयना कर पिंजरा लगाया। पालड़ी में इसी साल अप्रैल में तेंदुए ने बुजुर्ग किसान की जान ले ली थी। घटना के बाद 2 तेंदुए पिंजरे में कैद भी हुए थे।