कानूनी जागरूकता शिविर में मनरेगा श्रमिक महिलाओं को दी कानूनी जानकारी

Update: 2023-04-08 17:54 GMT
नागौर। मकराना में विधिक सेवा समिति अध्यक्ष एडीजे कुमकुम के निर्देश पर शनिवार को पैनल अधिवक्ता तलत हुसैन हनीफी ने डिस्कॉम कार्यालय परिसर में कानूनी शिविर का आयोजन किया. जिसमें मनरेगा मजदूरों को कानूनी जानकारी दी गई। उन्होंने महिलाओं के अधिकार बताते हुए कहा कि बाल श्रम और बाल विवाह दोनों ही कानूनी अपराध हैं। 18 वर्ष से कम आयु के बालकों को परिवार में श्रमिक के रूप में कार्य करने के लिए नहीं भेजा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। सरकार ने शिक्षा के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जबकि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। इनके बच्चे भी समाज की मुख्य धारा से जुड़कर अच्छा व्यवसाय कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें मजदूरी पर भेजने के बजाय पढ़ाने पर ध्यान दें।
अधिवक्ता हनीफी ने बताया कि एक अप्रैल से 30 जून तक बाल विवाह पर रोक लगाने का अभियान चलाया गया है. जिसमें सभी नागरिक भाग लेकर बाल विवाह रोकने में सहयोग करें। उन्होंने महिलाओं से कहा कि हमारे देश में भारतीय संस्कृति में विवाह संस्कारों का विशेष महत्व है, लेकिन प्राचीन काल में कई कुरीतियां प्रचलित थीं जिनमें बाल विवाह भी शामिल है। इसमें लोग अपने छोटे बच्चों की शादी करवा देते थे, जिसका आज भी कई जगहों पर गुपचुप तरीके से पालन किया जा रहा है। यह हमारे सामाजिक सांस्कृतिक जीवन के लिए अभिशाप है। बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है। यदि विवाह के समय लड़की की आयु 18 वर्ष से कम तथा लड़के की आयु 21 वर्ष से कम हो तो इसे बाल विवाह कहा जायेगा। बाल विवाह कराने वाले सभी लोगों के लिए दो साल की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का सख्त प्रावधान है।
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