वकीलों ने निकाली बंदर की शवयात्रा, आत्मा की शांति के लिए किया भंडारे का ऐलान

Update: 2022-05-30 15:57 GMT

धौलपुर: राजस्थान के धौलपुर जिले में एक बंदर की मौत के बाद ढोल नगाड़ों के साथ उसकी शवयात्रा निकाली गई. दरअसल कोर्ट परिसर में सोमवार को सोमवती अमावस्या के दिन एक बंदर की मौत हो गई. इसके बाद वकीलों ने ढोल-नगाड़ों के साथ वैदिक परंपरा के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया. बंदर काफी दिनों से बीमार चल रहा था और सोमवार को उसकी मौत हो गई.

मामला धौलपुर कोर्ट परिसर का है. बंदर को हनुमानजी का प्रतिरूप माना जाता है, ऐसे में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष देवेंद्र कुलश्रेठ और सभी वकीलों ने बंदर का अंतिम संस्कार वैदिक मान्यताओं के हिसाब से करने का फैसला लिया.

बता दें कि मृतक बंदरों को वकीलों से इस कदर लगाव हो गया था कि जब वो अपने टेबल पर काम करते थे तो बंदर उनके पास आकर बैठ जाता था. हालांकि इस दौरान बंदर उन्हें परेशान भी नहीं करता था.
मृतक बंदर को स्नान कराकर नए कपड़े पहनाए गए. इसके बाद ढोल-नगाड़ों की धुन पर शवयात्रा निकाली गई.
शवयात्रा कोर्ट परिसर से होती हुई चम्बल नदी के किनारे बने मुक्तिधाम पहुंची, जहां पूरे विधि विधान के साथ बंदर को दफन किया गया.
इसके बाद वकीलों ने सीताराम-सीताराम की धुन पर भजन गाकर बंदर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की.
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष देवेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कचहरी परिसर में हनुमानजी के प्रतिरूप माने जाने वाले बंदर की मौत हो गई थी. सोमवती अमावस्या होने पर सभी वकीलों ने शवयात्रा निकाली और आगे भंडारा का भी आयोजन किया जाएगा.
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