देवधाम जोधपुरिया के 350 साल पुराने मंदिर में लक्खी मेला 31 अगस्त से होगा शुरू

Update: 2022-08-29 08:35 GMT

टोंक न्यूज़: टोंक वनस्थली क्षेत्र मे देश प्रदेश के गुर्जर समाज के आराध्य प्रसिद्ध लोकदेवता भगवान देवनारायण के करीब 350 साल पुराने मंदिर में 31 अगस्त से 2 अगस्त भाद्रपद की शुक्ल षष्ठी तक तीन दिवसीय विशाल लक्खी मेला भरेगा। भाद्रपद शुक्ल षष्ठी को भगवान देवनारायण के घोड़े लीलाधर का जन्म हुआ था। घोड़ा लीलाधर भगवान देवनारायण को अति प्रिय था। इसलिए यह मेला लीलाधर के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भोपा कांसे की थाली में कमल का फूल बनाता है। जैसे ही कमल का फूल कांसे की ताली में बनता है और श्रद्धालु उसमें देवनारायण के दर्शन करते हैं तो पूरा मंदिर परिसर भगवान देवनारायण के जयकारों से गूंज उठता है। यही मेले का सबसे आकर्षण का केंद्र होता है।

मान्यता है कि भगवान देवनारायण ने मालवा से गोठा जाते समय जोधपुरिया में ही विश्राम किया था। यह उनकी तपोस्थली भी रहा है। देश-प्रदेश के गुर्जर समाज व लाखों श्रद्धालुओं की जनआस्था के केन्द्र जोधपुरिया में स्थित देवनारायण के मंदिर में इस बार सैकडों दुकानें सजेंगी। जगह-जगह भंडारों का आयोजन होगा। हजाराें की संख्या में पदयात्राएं व ध्वज पताकाएं लेकर पहुंचती हैं। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष फूलचंद लांगड़ी ने बताया कि मेले में तीन दिन में यहां करीब 15 लाख तक श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालु व ध्वज पताकाएं जिस गांव शहर से निकलती हैं उसी गांव से अन्य यात्रियों का कारवां भी जुड़ता जाता है। इन पदयात्राओं में राजस्थानी लोक संस्कृति की झलक देखते ही बनती है।

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