सुसाइड हब में बदलने लगी शिक्षा की नगरी कोटा, 8 माह में 22 स्टूडेंट्स ने की खुदकुशी
राजस्थान। शिक्षा की नगरी कोटा में छात्र आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. रविवार को एक ही दिन में दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली. इसके साथ ही कोटा में 8 महीने के अंदर आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. इस बीच कोटा जिला कलेक्टर ने आत्महत्या के मामलों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. कोटा प्रशासन ने जिले के सभी कोचिंग सेंटरों में टेस्ट-परीक्षाएं दो महीने के लिए बंद कर दी हैं. इस संबंध में कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर की ओर से पत्र जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि कोटा में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण रखने और उनमें पढ़ने वाले छात्रों को मानसिक सहयोग और सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग में टेस्ट-परीक्षाओं पर अगले 2 महीने तक रोक लगाई जाती है. कलेक्टर ने कहा कि बच्चों के लिए कोचिंग संचालकों को एक सप्ताह का अवकाश दिया गया है. अब वह इसे रविवार या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन रख सकते हैं। कोटा में रविवार को महज चार घंटे के अंदर दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी. महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले आविष्कार संभाजी कासले ने रविवार दोपहर 3:09 बजे कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से कुछ मिनट पहले कासले ने कोचिंग इंस्टीट्यूट की तीसरी मंजिल पर परीक्षा दी थी। वह 3 साल से कोटा के तलवंडी इलाके में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। इसके चार घंटे बाद शाम करीब 7 बजे नीट की तैयारी कर रहे आदर्श राज ने कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र स्थित अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बिहार का रहने वाला आदर्श राज रविवार को परीक्षा देकर घर आया और आत्महत्या कर ली।