कोटा दक्षिण निगम देश में सफाई में 141 वीं और प्रदेश में 4 वीं रैंक पर रहा, सफाई और उसके प्रबंधन ने सुधारी रैकिंग

Update: 2022-10-17 14:12 GMT

कोटा स्पेशल न्यूज़: स्मार्ट सिटी बनने जा रहे कोटा शहर में जनसंख्या बढ़ने के साथ ही लगातार विकास और विस्तार हो रहा है। उसी के तहत कोटा में दो नगर निगम बनाए गए हैं। लेकिन दोनों में नगर निगम कोटा दक्षिण ने पूरे साल बरसाती नालों के साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार करने और उसका सही ढंग से प्रबंधन करने का ही परिणाम है कि देश और प्रदेश में कोटा दक्षिण निगम की स्वच्छता रैकिग सुधरी है। कोटा शहर का परिसीमन होने के साथ ही वार्डों की संख्या भी बढ़ गई है। कोटा में पहले जहां मात्र 65 वार्ड थे वहीं अब दो निगम बनने के बाद वार्डों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। नगर निगम कोटा उत्तर में 70 व कोटा दक्षिण निगम में 80 वार्ड बनाए गए हैं। नगर निगम के दोनों बोर्ड का गठन हुए अगले महीने दो साल पूरे होने वाले हैं। केन्द्र सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा हर साल करवाए जा रहे स्वच्छता सर्वेक्षण में कोटा की रैकिंग पहले जहां काफी पिछड़ रही थी। उसमें इस साल कुछ सुधार हुआ है। हालांकि पहले एक निगम होने से 10 लाख की आबादी के हिसाब से रैकिंग दी जा रही थी। वहीं अब दो निगम बनने के बाद 5-5 लाख की आबादी के हिसाब से रैकिंग की गई है। पिछले साल कोटा दक्षिण निगम की जहां 48 वीं रैकिंग मिली थी। वहीं इस साल हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में देश के 382 शहरों में कोटा दक्षिण की 141 वीं और प्रदेश के 29 शहरों में से कोटा दक्षिण की 4 वीं रैंकिंग आई है। जबकि कोटा शहर के ही उत्तर निगम की देश में 364 वीं और प्रदेश में 23 वीं रैकिंग आई है।

करोड़ों के सफाई संसाधन मिले: कोटा नगर निगम पहले जहां सफाई संसाधनों की कमी से जूझ रहा था। वहीं अब दोनों नगर निगमों में रा'य सरकार द्वारा व स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा करोड़ों रुपए का बजट दिया गया है। जिनसे सफाई से छोटे से लेकर बड़े बड़े संसाधन व मशीनरी खरीदी गई है। हालांकि उनमें से अधिकतर का उपयोग बहुत कम हुआ है। फिर भी कोटा उत्तर की तुलना में दक्षिण में इनका अधिक उपयोग किया गया है।

कचरा ट्रांसफर स्टेशन व नालों की सफाई पर फोकस: वसे तो दोनों नगर निगमों में समान रूप से संसाधनों का वितरण किया जा रहा है। लेकिन नगर निगम कोटा दक्षिण में पहले जहां कचरे का खुले में परिवहन किया जा रहा था। वहीं अब यहां दो आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन बन चुके हैं। जिनमें से धार का अखाड़ा किशोरपुरा के ट्रांसफर स्टेशन से कचरे का परिवहन हायजनिक तरीके से कैम्सूल के जरिये किया जा रहा है। कम वाहनों में अधिक कचरा और खुले की जगह बंद टैंकरों में जाने से दुर्गंध का भी सामना नहीं करना पड़ रहा है। दूसरा ट्रांसफर स्टेशन भी बनकर तैयार हो गया है।

वहीं हर साल बरसात से पहले बड़े व छोटे नालों की सफाई करवाई जाती है। पिछले साल की तुलना में इस साल कोटा दक्षिण निगम में नालों की सफाई अधिक गहराई से करवाई गई है। जिससे नालों में बहकर आने वाला पानी आसानी से निकल सका। अधिक बरसात होने के बाद भी कोटा दक्षिण क्षेत्र में सड़कों पर पानी भरने की समस्या नहीं हुई। कोटा दक्षिण महापौर ने स्वयं नालों पर दिनभर खड़े रहकर उनकी सफाई करवाई। गहराई से मलबा निकलवाया। हालाकि कोटा उत्तर निगम में भी नालों की सफाई हुई लेकिन वहां पुराना क्षेत्र होने से बरसात में पानी भरा रहा। वहीं कोटा उत्तर निगम में अभी तक भी आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन नहीं बन सका है।

टिपरों से घर-घर कचरा संग्रहण: दोनों नगर निगमों में घर-घर कचरा संग्रहण टिपरों के जरिय करवाया जा रहा है। कोटा दक्षिण निगम में इस व्यवस्था पर अधिकारियों से लेकर निचले स्तर तक पर फोकस कर ध्यान दिया गया। जिससे इस व्यवस्था में सुधार हुआ है। एंटी स्मॉग मन मशीनों से लेकर रोड स्वीपर व जैटिंग मशीनों का भी उपयोग अधिक होने से यहां की सफाई बेहतर रही। जिसे केन्द्र के स्तर तक पर माना गया। बोर्ड बनने के बाद से ही शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार पर फोकस किया है। अधिकारियों से लेकर पार्षद तक और सफाई कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारी समझकर काम कर रहा है। दो आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनने, घर-घर टिपर संचालन होने और बरसाती नालों की सफाई बेहतर ढंग से होने पर रैकिंग में सुधार हुआ है। यदि जनता का भी सहयोग पूरा मिल जाए तो आने वाले समय में देश में पहले स्थान पर आकर इंदौर को पछाड़ सकते हैं।

- राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण:

शहर को साफ रखने और सफाई से संबंधित शिकायत आने पर उसका तुरंत निस्तारण किया गया। कचरे का हायजनिक तरीके से परिवहन किया जा रहा है। नालों की सफाई और निगम के जनप्रतिनिधियों की मेहनत से रैकिंग में सुधार हुआ है। भविष्य में और अधिक प्रयास कर इसे सुधारेंगे।

- राजपाल सिंह, आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण

कोटा उत्तर निगम में भी सफाई में कोई कमी नहीं रखी है। बरसात में नालों की सफाई से लेकर टिपर व्यवस्था में सुधार किया है। कचरा पाइंट कम किए हैं। लेकिन नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड का इस क्षेत्र में होने का नकारात्मक असर रहा है। आधुनिक कचरा ट्रांसफर स्टेशन के लिए जगह देखी जा रही है। अगले साल और अधिक सुधार के प्रयास करेंगे।

- मंजू मेहरा, महापौर, नगर निगम कोटा उत्तर

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