कोटा नगर निगम भिक्षावृत्ति करने वालों के लिए अलग से अस्थायी आश्रय स्थल खोलेगा

Update: 2022-11-04 14:25 GMT

कोटा न्यूज़: पेट भरने के लिए सड़क किनारे बैठकर भीख मांगने और फुटपाथ पर सोकर रात गुजारने वाले भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था अब नगर निगम करेगा। इसके लिए अस्थायी रैन बसेरे बनाए जाएंगे और इंदिरा रसोई संचालित की जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा पूर्व में की गई बजट घोषणा के तहत राजस्थान को भिखारी मुक्त बनाना है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले बजट में इसकी घोषणा की थी। भिखारी मुक्त राजस्थान अभियान की शुरुआत जयपुर से होगी। जिसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सरकार के इस अभियान के तहत कोटा को भी भिखारी मुक्त किया जाएगा। इस अभियान में भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाए जाने वाले लोगों को रहने की जगह व उनके खाने की व्यवस्था नगर निगम के माध्यम से की जाएग़ी। इसके लिए नगर निगम द्वारा अलग से अस्थायी रैन बसेरे शुरू किए जाएंगे। साथ ही खाने के लिए इंदिरा रसोई से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

बच्चों के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट: शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों को इससे मुक्त करवाने के लिए भी तक कोई सक्षम एजेंसी नहीं है। जबकि छोटे बच्चों द्वारा भीख मांगने पर उन्हें पकड़कर मुक्त करवाने के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट काफी समय से काम कर रही है। सैकड़ों बच्चों को इससे मुक्त करवाकर शेल्टर होम में भेजा जा चुका है।

चौराहों पर कम हुए तो सड़क किनारे व धाुर्मिक स्थलों पर बढ़ी संख्या: शहर में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों की संख्या कम होने की जगह लगातार बढ़ती ही जा रही है। पुरुषों के साथ ही महिलाओं व बच्चों की संख्या भी काफी अधिक है। शहर में पहले जहां हर चौराहे पर भिखारी नजर आते थे। लेकिन अब चौराहों का विकास होने से वहां नजर नहीं आते हैं। लेकिन अब इनका ठिकानाा बदल गया है। अब ये सड़क किनारे, बड़ तिराहे पर, किशोर सागर तालाब की पाल पर, लक्खी बुर्ज के पास, फुटपाथ और मंदिरों पर बैठे नजर आ जाएंगे। हर दिन व वार के हिसाब से मंदिरों में भिखारियों की भरमार देखी जा सकती है। मंगलवार को रंगबाड़ी बालाजी व गोदावरी धाम में, बुधवार को खड़े गणेशजी मंदिर पर, सोमवार को शिव मंदिर पर और गुरुवार को साई मंदिर में भिखारी देखे जा सकते हैं।

निगम अधिकारियों ने बैठक कर जारी किया आदेश: अभियान को सफल बनाने के लिए गत दिनों नगर निगम कोटा उत्तर के आयुक्त वासुदेव मालावत की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई। जिसके बाद आयुक्त ने 1 नवम्बर को ही आदेश जारी किया है। इसके अनुसार सर्दी में हर साल शुरु किए जाने वाले अस्थायी रैन बसेरों के साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्ति के रहने के लिए अनुमानित 10 अस्थायी रैन बसेरे शुरू करने को कहा है। इसके लिए नए चादर, रजाई,तकिया, गद्दे, पानी, चिकित्सा व बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही निविदा भी जारी की जाएग़ी। आदेश के अनुसार रैस बसेरों के संचालन के लिए राजस्व अधिकारी नरेश राठौर को प्रभारी नियुक्त किया गया है। साथ ही अतिरिक्त आयुक्त अशोक कुमार त्यागी को रैन बसेरों के संचालन के लिए ओवर आॅल इंचार्ज नियुक्त किया गया है।

महिला-पुरुषों को पुलिस करवाएगी मुक्त: राज्य सरकार के इस अभियान के तहत अब शहर में भीख मांगने वाले महिला-पुरुषों को इससे मुक्त करवाने का काम पुलिस करेगी। सूत्रों के अनुसार पुलिस कर्मी सादा वस्त्रों में ऐसे स्थान पर तैनात रहेंगे जहां अधिक संख्या में भीख मांगने वाले लोग रहते हैं। उन्हें वहां से पकड़ा जाएगा। जिन्हें लाकर नगर निगम के रैन बसेरों में रखा जाएगा।

रहने-खाने की समस्या, उसका होगा समाधान: भीख मांगने वालों के लिए सबसे बड़ी समस्या रहने और खाने की है। जिसके लिए कई लोगों को परिवार समेत भीख मांगने को मजबृर होना पड़ रहा है। उनके रहने की भी जगह नहींÞ है। इसे देखते हुए अब सरकार के निर्देश पर नगर निगम उनके रहने व खाने की व्यवस्था करेगा।

इनका कहना है: राज्य सरकार का अभियान है कोटा को भिखारी मुक्त बनाने का। ऐसे लोगों को पुलिस द्वारा मुक्त करवाया जाएगा। जिनके रहने व खाने की व्यवस्था नगर निगम करेगा। इस संबंध में गत दिनों अधिकारियों की बैठक लेकर आदेश जारी किया गया है। सर्दी में शुरू होने वाले रहन बसेरों के साथ ही भिक्षावृत्ति से मुक्त लोगों के लिए भी अलग से 10 अस्थायी रैन बसेरे शुरू करने की योजना है। साथ ही उनके खाने की व्यवस्था इंदिरा रसोई से की जाएगी।

-वासुदेव मालावत, आयुक्त, नगर निगम कोटा उत्तर 

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