Kota: जिला स्तरीय जनसुनवाई में आए 192 परिवाद मुख्य सचिव सुधांश पंत ने दिए निर्देश

Update: 2024-10-17 12:27 GMT
Kota  कोटा । जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक एवं जिला स्तरीय जनसुनवाई गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित की गई। जनसुनवाई के दौरान जयपुर से मुख्य सचिव सुधांशु पंत भी जुड़े। उन्होंने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए नियमित रूप से नारकोटिक्स की बैठकें आयोजित की जाएं। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मेडिकल उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का नशे के रूप में दुरुपयोग न हो। जिला कलक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी की अध्यक्षता में आयोजित जनसुनवाई में परिवादियों की समस्याओं का सुनकर निस्तारण की
प्रक्रिया की गई।
उर्वरक वितरण और फसल बीमा योजना पर जोर
मुख्य सचिव पंत ने उर्वरकों के वितरण को प्राथमिकता के आधार पर खेतों के क्षेत्रफल और कमी वाले क्षेत्रों में करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट समय पर और निष्पक्षता से कराया जाए ताकि प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना का लाभ किसानों तक सही रूप में पहुंच सके। मुख्य सचिव ने सभी जिलों के संपर्क पोर्टल पर निस्तारण की समय सीमा और संतोषजनक निस्तारण की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि जनता को न्यूनतम समय में गुणवत्तापूर्ण समाधान मिल सके।
67 परिवादों का मौके पर निस्तारण
जनसुनवाई में लगभग 192 प्रकरण आए, जिनमें से 67 परिवादों का निस्तारण मौके पर ही किया गया। जनसुनवाई में मुख्यतः अतिक्रमण, कब्जा, मनरेगा, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, आवासन मंडल, नगर निगम, और कोटा विकास प्राधिकरण से संबंधित परिवाद आए। जनसुनवाई में कलक्टर डॉ. गोस्वामी ने प्रत्येक परिवादी की समस्या को व्यक्तिगत रूप से सुना और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक परिवाद का निष्पक्षता के साथ समाधान किया जाए।
जनसुनवाई के दौरान दिव्यांग पेंशन से संबंधित एक परिवादी के प्रकरण में कलक्टर डॉ. गोस्वामी ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की संयुक्त निदेशक सविता कृष्णिया को निर्देश दिए कि दिव्यांग व्यक्ति के घर पर ही भौतिक सत्यापन के लिए कार्मिक भेजे जाएं, जिसकी पालना तुरंत की गई।
रिहायशी इलाके में स्टोन कटर व्यवसाय से उत्पन्न परेशानी को लेकर कलक्टर ने निगम अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी को यह निर्देश भी दिया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक बाहरी महंगी दवाइयां न लिखें।
कलक्टर ने उपस्थित परिवादियों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि जो मामले न्यायपालिका या लोकायुक्त द्वारा विचाराधीन है, उनके निस्तारण में निर्णय आने के बाद ही पालना की जा सकेगी। उन्होंने उपखंड अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण निवासियों को जिला मुख्यालय तक आने की परेशानी से बचाने के लिए उनसे अधिकारी कार्यालय में मिले एवं उनकी समस्या का समाधान करें।
जनसुनवाई में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश चौधरी, नगर निगम उत्तर आयुक्त अशोक त्यागी, नगर निगम दक्षिण आयुक्त अनुराग भार्गव, केडीए सचिव कुशल कोठारी, उपखंड अधिकारी गजेंद्र सिंह सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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