उदयपुर। उदयपुर बेटी से बात नहीं कराने के विवाद को लेकर युवक का अपहरण कर उसे जंगल में ले जाने और मारपीट कर लूट करने के मामले में विशिष्ठ न्यायाधीश (judge) अजा/अजजा अनिप्र की अदालत ने आरोपी की ओर से पेश जमानत आवेदन को खारिज कर दिया.
हकरा पुत्र धर्मा मीणा ने बाघपुरा थाने में रिपोर्ट दी कि उसके पुत्र मणीशंकर के फोन पर दिलीप पुत्र रामलाल पारगी निवासी मासिंगपुरा कॉल करके उसकी बेटी सीमा से बात करने के लिए कह रहा था, लेकिन उसके बेटे ने बात कराने से मना कर दिया. इसके बाद 25 जून 2022 को उसका बेटा शाम करीब साढ़े पांच बजे बाजार में सामान लेने गया, जहां दिलीप पारगी और उसका भाई अजय पारगी 10-12 लोगों के साथ मिला और उसके बेटे का अपहरण कर जंगल में ले गए, जहां उसके साथ मारपीट की. बेटे के चिल्लाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और मारपीट कर रहे लोगों के चंगुल से उसे छुड़ाया.
इस दौरान आरोपियों ने उसके बेटे से पांच हजार रुपए व मोबाइल छीन लिया. इस घटना के दो दिन बाद उसके दूसरे बेटे को रेसावर गांव बुलाया और उसके साथ भी आरोपियों ने तलवार से हमला किया. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी अजय की ओर से न्यायालय में पेश जमानत का विशिष्ठ लोक अभियोजक बंशीलाल गवारिया ने विरोध किया तथा तर्क दिया कि आरोपियों ने दो भाईयों के साथ अलग-अलग समय में मारपीट कर लूट की घटना को अंजाम दिया है. दोनों पक्षों की बहस एवं दलीलें सुनने के उपरांत पीठासीन अधिकारी ज्योति के सोनी ने जमानत आवेदन पत्र खारिज कर दिया.