चूरू न्यूज: सोमवार को पंखा रोड स्थित ओझा के बगीचे में कलश यात्रा के बाद नानी बाई रो मायरो कथा शुरू हुई। सुबह 351 मंगल कलश का पूजन कर गोपालजी मंदिर से कथा स्थल तक शोभायात्रा निकाली गई। बाजार में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया।
अपराह्न कथा के पहले दिन जनार्दनाचार्य श्रीनिवास रामानुजदास महाराज ने नरसी भक्त के प्रारंभिक जीवन की जानकारी दी जिसमें उनका जूनागढ़ में जन्म, बचपन में उनके माता-पिता का देहांत हो जाना शामिल है।
रतनगढ़ | दादूद्वारा आश्रम में चल रही नानी बाई की मायरा कथा का रविवार शाम को समापन हुआ। कथाकार कृष्णानंद महाराज ने कहा कि जब भी हम कोई सांसारिक यात्रा करते हैं तो पहचान पत्र, पहचान पत्र की जरूरत पड़ती है, नहीं तो यात्रा बाधित हो सकती है। इसी तरह भक्ति मार्ग की यात्रा में भी आस्था का आईडी प्रूफ होना बहुत जरूरी है, क्योंकि विश्वास ही फल देने वाला है।
कहानी में ज्ञानदास, महेश सीमर, प्रदीप धरड़, नवल महर्षि, निखिल इंदौरिया, संतोष कुमार इंदौरिया, सुरेश मुरारका, पवन सेवड़ा, मनीष तिवारी, राकेश चावला, भरत वर्मा, दीनदयाल खेतान, प्रदीप आत्रेय, शंकरलाल बजाज, विमल पारीक, श्यामलाल धरद, सुरेश सिंघल आदि उपस्थित थे। संत देवदास व साध्वी हेमलता ने आभार व्यक्त किया। रविवार की रात आश्रम में चहल-पहल थी।