राज्यपाल सम्मेलन में कलराज मिश्र ने उठाई गहलोत सरकार की आवाज, जल जीवन मिशन सहायता का अनुपात बढ़ाने का किया आग्रह

जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Scheme) के तहत केंद्र से मिलने वाले अनुदान को बढ़ाने की मांग अब तक प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला (Water Resources Minister BD Kalla) ही कर रहे थे.

Update: 2021-11-11 12:56 GMT

जनता से रिश्ता। जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Scheme) के तहत केंद्र से मिलने वाले अनुदान को बढ़ाने की मांग अब तक प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) और जलदाय मंत्री बीडी कल्ला (Water Resources Minister BD Kalla) ही कर रहे थे. लेकिन अब राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) ने भी इसका समर्थन किया है.

दिल्ली राष्ट्रपति भवन (President House) में आयोजित 51वें राज्यपाल सम्मेलन (51st Governor Conference) को संबोधित करते हुए मिश्रा ने दक्षिण राजस्थान में जल संग्रहण के लिए प्रभावी मास्टर प्लान बनाने और जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राजस्थान को 50:50 के स्थान पर 90:10 के अनुपात में सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया है.
राज्यपाल मिश्र गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में 51वें राज्यपाल सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind), उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Vice President M Venkaiah Naidu), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) सहित विभिन्न राज्यों के राज्यपालो और उप राज्यपालों के समक्ष राजस्थान के विकास को लेकर चर्चा की.
राज्यपाल ने कहा कि दक्षिण राजस्थान क्षेत्र में जल संग्रहण की प्रभावी योजना बनाई जाए. ताकि आदिवासियों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कर उनके पलायन को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि दक्षिण राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों की लगभग 17 लाख हैक्टेयर भूमि माही बेसिन के अन्तर्गत आती है. इस क्षेत्र में मास्टर प्लान के अभाव में बड़ी मात्रा में वर्षा जल बहकर व्यर्थ चला जाता है, जिसे रोकना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमित जल संसाधनों को देखते हुए राजस्थान को जल जीवन मिशन में 90:10 के अनुपात में सहायता उपलब्ध कराई जाए, जो अभी 50:50 के अनुपात में मिल रही है.
राज्यपाल ने जनजाति क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल और प्रशिक्षण सुविधाएं मुहैया कराने पर बल देते हुए कहा कि इससे देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मिलने के साथ ही आदिवासी क्षेत्र में रोजगार की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी. उन्होंने उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए दी जाने वाली उत्तर मैट्रिक छात्रवृति का अंश समय पर राज्य को जारी किए जाने की आवश्यकता भी बताई. कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों की सीमा में वृद्धि की जाए, जो वर्तमान में 2011 की जनगणना के आधार पर स्वीकृत है.
उन्होंने कहा कि बाजरे से मिलने वाले पोषण को लेकर देश में जागरुकता बढ़ी है. राजस्थान बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक है. ऐसे में विभिन्न राज्यों में आईसीडीएस और एमडीएम के लिए राज्य के बाजरे का उपयोग करने के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार की जानी चाहिए. उन्होंने राज्य की महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं को शीघ्र प्रारंभ कर पूर्ण कराये जाने की बात भी कही.
राज्यपाल ने कहा कि अब तक चार विश्वविद्यालयों की ओर से नई शिक्षा नीति लागू की जा चुकी है. शेष में प्रक्रियाधीन है. विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति लागू (New education policy implemented in universities) करने के लिये गठित टास्क फोर्स की अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कोविड- 19 (Covid- 19) के दौरान भी नियमित रूप से ऑनलाइन दीक्षान्त समारोह आयोजित कराए गए हैं. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (University Social Responsibility) के तहत विश्वविद्यालय की ओर से एक पिछड़ा गांव को गोद लेकर उसे स्मार्ट बनाने की पहल से वहां के ग्रामीणों की आय एवं आजीविका में वृद्धि हुई है. उनके जीवन स्तर में सुधार आया है.


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