Jodhpur: BJP विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने बेटे की शादी में लिखी नई इबारत

समाज को सही दिशा दिखाना और अपनी परंपराओं को बेहतर बनाना उनकी जिम्मेदारी है: बाबू सिंह राठौड़

Update: 2025-01-25 11:53 GMT

जोधपुर: के भाजपा नेता और विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने अपने बेटे की शादी का इस्तेमाल समाज को नई दिशा देने के लिए किया। राठौड़ ने न केवल दहेज प्रथा का विरोध किया, बल्कि अपने बेटे की शादी नशामुक्त माहौल में करवाकर समाज को एक सकारात्मक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि समाज को सही दिशा दिखाना और अपनी परंपराओं को बेहतर बनाना उनकी जिम्मेदारी है।

दहेज मुक्त विवाह: समाज में नई सोच का उदाहरण

बाबू सिंह राठौड़ ने बताया कि उनके समाज में शादी-ब्याह के दौरान शराब पीना परंपरा मानी जाती है। लेकिन उन्होंने इस प्रथा को अस्वीकार कर दिया और अपने बेटे की शादी में नशा मुक्त माहौल बनाए रखा। उनका मानना ​​है कि ऐसी प्रथाएं न केवल परिवारों के लिए हानिकारक हैं, बल्कि समाज में भी नकारात्मक छवि बनाती हैं।

11 लाख की शराब से अचानक बदल गया माहौल...

राठौड़ ने विकास कोष में दान दिया। शादी में दहेज लेने से इनकार करने के साथ ही उन्होंने समुदाय के विकास कोष में 11 लाख रुपए दान भी दिए। उनका कहना है कि यह धनराशि गरीब बच्चों की शिक्षा और उनकी जरूरतों को पूरा करने पर खर्च की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे शादी-ब्याह जैसे अवसरों पर फिजूलखर्ची करने के बजाय समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद करें। यह राशि शराब खरीदने के लिए रखी गई थी।

विधायक बोले- 'वह मेरी बहू नहीं बेटी है'

'मेरी बहू नहीं, मेरी बेटी' बाबू सिंह राठौड़ ने अपनी बहू को बेटी के रूप में अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि शादी के बाद किसी भी लड़की को ससुराल में यह महसूस नहीं होना चाहिए कि वह किसी पराये घर में आई है। उन्होंने अपनी पुत्रवधू को परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार किया और समाज को बेटियों का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया।

विधायक ने दिया प्रेरक संदेश

राठौड़ का यह कदम दहेज प्रथा और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक प्रेरणादायक संदेश है। उन्होंने साबित कर दिया कि सच्चा सम्मान परंपराओं को तोड़ने और सच्चे मूल्यों को अपनाने में निहित है। उनका कार्य समाज के लिए एक उदाहरण बन गया है।

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