झुंझुनूं का सपना था कि 2020 तक ओवरब्रिज बन जाएगा, हकीकत कुछ और
झुंझुनूं का सपना था कि 2020 तक ओवरब्रिज बन जाएगा
झुंझुनूं। झुंझुनूं ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 36 करोड़ 12 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। इसमें से 18 करोड़ 06 लाख रेलवे व 18 करोड़ 06 लाख रुपए रूडिसको (राज्य) को देने थे। लेकिन दोनों ही विभागों ने पूरा बजट नहीं दिया। नतीजा काम अटक गया। जो ओवरब्रिज पहले लगभग छत्तीस करोड़ में बनना था, अब बढ़ती महंगाई के कारण उस पर ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे। चार-पांच साल में मजदूरी भी महंगी हो चुकी।
झुंझुनूं. वर्ष 2019 में जिले की जनता को हमारे जनप्रतिनिधियों व अफसरों ने बड़ा सपना दिखाया। बैठकों व सभाओं में दावा किया वर्ष 2020 में जिला मुख्यालय पर पुलिस लाइन के निकट फाटक पर रेलवे का ओवरब्रिज बन जाएगा। तब दोनों ही दलों ने श्रेय लेने में कमी नहीं रखी। अब हकीकत यह है कि जयपुर की तरफ आठ अधूरे पिलर बने हुए हैं और झुंझुनूं की तरफ चार। कुल बारह पिलर बने हुए हैं। सभी अधूरे हैं। एक पिलर के लिए तो चार फीट गहरा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया, इसके ऊपर सरिये निकले हुए हैं। बरसात में पानी भरने पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे।अब बढ़ जाएगा बजट
ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 36 करोड़ 12 लाख रुपए मंजूर किए गए थे। इसमें से 18 करोड़ 06 लाख रेलवे व 18 करोड़ 06 लाख रुपए रूडिसको (राज्य) को देने थे। लेकिन दोनों ही विभागों ने पूरा बजट नहीं दिया। नतीजा काम अटक गया। जो ओवरब्रिज पहले लगभग छत्तीस करोड़ में बनना था, अब बढ़ती महंगाई के कारण उस पर ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे। चार-पांच साल में मजदूरी भी महंगी हो चुकी।
15 मार्च को शुरू हुआ था कार्यओवरब्रिज की मंजूरी मिलने के बाद धरातल पर कार्य 15 मार्च 2019 को शुरू हुआ था। टेंडर की शतोंर् के अनुसार यह कार्य 14 सितम्बर 2020 को पूरा करना था। इसके लिए राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम ने अजमेर जिले के एक संवेदक को कार्यादेश जारी किया था। तब कहा था कि यह प्रोजेक्ट अब तक सबसे तेज गति से पूरा होगा। लगभग अठारह माह में कार्य पूरा हो जाएगा। लोगों को रेल आने पर फाटक पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा, लेकिन सारे वादे धरातल पर फेल हो गए। जनता परेशानी हो रही है। कई अठारह माह बीत गए, लेकिन सपनों का ओवरब्रिज अभी अधूरा है।