झरनेश्वर अजमेर शिव के बाल रूप में हैं, राजराजेश्वर राजा को संवार रहे हैं
झरनेश्वर अजमेर शिव के बाल रूप में
अजमेर। अजमेर श्रावण माह में शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्त उमड़ रहे हैं। शहर में हर मंदिर की अपनी खासियत है। शहर के परकोटे में मराठा काल में कई मंदिरों की स्थापना की गई। इन मंदिरों अपनी विशेष खासियत है। जितनी बार पूजा, उतनी बार शृंगार झरनेश्वर महादेव आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इस मंदिर में महादेव का बाल रूप है। यहां झरना बहते रहने से मंदिर का नाम झरनेश्वर रखा गया। प्रदोष और छठ को महादेव के दूधधारा व सहस्त्रधारा की जाती है। पूर्णिमा पर जागरण होता है। झरनेश्वर महादेव सेवा समिति के महेश अग्रवाल के अनुसार झरने से पूरे साल आता पानी कुण्ड में एकत्र होता है। कुण्ड का जलस्तर कम होने के बाद स्वत: ही ऊपर आ जाता है। दिन में जितनी बार महादेव की पूजा होती है। उतनी बार अलग-अलग शृंगार किया जाता है।
शिवजी के साथ विराजित हैं चारभुजा वाली पार्वती
खाईलैण्ड स्थित राजराजेश्वर महादेव मंदिर मराठा काल का है। यहां नर्बदा नदी के क्षेत्र से प्राकृतिक रूप से विकसित शिवलिंग को मंदिर में विधि-विधान से स्थापित किया। नर्बदेश्वर रूप होने के कारण यहां के चरणामृत का विशेष महत्व है। शिवजी के पास मां पार्वती की चार भुजाओं वाली प्रतिमा स्थापित है। पं. बाबूलाल दाधीच के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में पूजा अर्चना से राजकार्य और रुके हुए कार्यों में आई बाधा दूर होती है। पुराने समय में लोग शासन में अटके कार्यों को पूरा करने के लिए भोलेनाथ के अर्जी लगाते थे। इसलिए राजराजेश्ववर महादेव कहते हैं।
कल्याण बोर्ड के गठन पर रावणा राजपूत समाज ने जताई खुशी
रावणा राजपूत समाज की मांग पर मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य मेजर दलपत सिंह (हाईफा स्मृति) कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बोर्ड गठन करने के आदेश जारी कर दिए। बोर्ड गठन पर रावणा राजपूत समाज ने मुख्यमंत्री और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ का आभार जताया। राज्य सरकार ने रावणा राजपूत, दरोगा, हजूरी, वजीर जाति वर्ग की स्थिति का जायजा लेने, प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा इनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सुझाव देने के उद्देश्य से बोर्ड का गठन किया है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों समाज के प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में आरटीडीसी चेयरमैन राठौड़ को ज्ञापन सौंपा था।